ओंकारेश्वर : मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर अपनी भव्यता और रहस्यों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का सबसे बड़ा रहस्य यह है कि भगवान शिव और माता पार्वती हर रात यहाँ शयन करने आते हैं। कहा जाता है कि सोने से पहले वे चौसर खेलते हैं।
बता दें कि, मंदिर में प्रतिदिन रात को चौपड़ बिछाई जाती है और सुबह उठाई जाती है।सुबह पासा बिखरे हुए मिलते हैं, जैसे कोई खेलकर गया हो। मंदिर के पुजारी भी इस रहस्य की पुष्टि करते हैं।
ओंकारेश्वर मंदिर का विशेष महत्व है। लोग दूर-दूर यहां दर्शन करने के लिए आते हैं। ओंकारेश्वर में तीन पुरियाँ हैं, शिवपुरी, विष्णुपुरी और ब्रह्मपुरी।इन्हीं के कारण यहां तीन पहर की आरती का नियम है।
इसको लेकर कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि मंदिर में ध्वनि तरंगें एक विशेष प्रकार का प्रभाव पैदा करती हैं, जिससे चौपड़ और पासा हिलते हैं। कुछ लोग इसे मानसिक प्रभाव मानते हैं, जिसके कारण श्रद्धालुओं को यह अनुभव होता है
यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह नर्मदा नदी के बीच एक द्वीप पर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।