Vastu Tips : वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्व है और यह सिर्फ घर के लिए नहीं, बल्कि व्यवसायिक स्थानों जैसे दफ्तर, दुकान, फैक्ट्री आदि के लिए भी अत्यधिक प्रभावशाली है। यदि आप अपने व्यवसाय को सफल बनाना चाहते हैं तो आपको वास्तु के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। नीचे कुछ महत्वपूर्ण वास्तु उपाय दिए गए हैं जो आपके व्यापार में वृद्धि करने में सहायक हो सकते हैं।
मुख्यद्वार का स्थान
व्यापारिक स्थल का मुख्यद्वार का स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। वास्तु के अनुसार, दुकान या शोरूम का मुख्यद्वार हमेशा दीवार के बीच में होना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जो व्यापार में सफलता और समृद्धि लाता है।
शेल्फ और शोकेस की दिशा
दुकान या शोरूम के अंदर सामान रखने के लिए शेल्फ और शोकेस की दिशा उत्तर-पश्चिम दिशा में रखनी चाहिए। यह दिशा व्यापार में वृद्धि और लाभ प्राप्ति के लिए शुभ मानी जाती है।
कैशबॉक्स की स्थिति
वास्तु शास्त्र के अनुसार, कैशबॉक्स हमेशा दक्षिण और पश्चिम दिशा की दीवार के साथ रखा जाना चाहिए। यह व्यापार में वित्तीय लाभ और स्थिरता के संकेत होते हैं।
मंदिर का स्थान
व्यवसाय स्थल पर मंदिर का होना भी एक शुभ संकेत है। मंदिर को हमेशा ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में रखना चाहिए। इसके अलावा, इस स्थान पर पीने का पानी भी रखना शुभ होता है।
रंग का चुनाव
आपके व्यवसायिक स्थान जैसे ऑफिस, दुकान या फैक्ट्री में हल्के रंग जैसे सफेद, क्रीम या हल्का पीला रंग लगाना चाहिए। इन रंगों से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो व्यापार में समृद्धि और सफलता लाता है।
टेबल पर क्या रखें?
व्यापार में वृद्धि के लिए आप अपनी टेबल पर श्रीयंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, क्रिस्टल वाला कछुआ या क्रिस्टल बॉल रख सकते हैं। इससे आपके कार्यस्थल में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जो व्यापार में लाभ दिलाता है।
दुकान मालिक की दिशा
दुकान या शोरूम के मालिक को हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा में बैठना चाहिए। यह दिशा उन्हें बेहतर निर्णय लेने में मदद करती है और व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने के लिए शुभ मानी जाती है।
पाँचजन्य शंख का प्रयोग
व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने के लिए आप अपने दुकान या फैक्ट्री में पाँचजन्य शंख भी स्थापित कर सकते हैं। शंख को माता लक्ष्मी का भाई माना जाता है और उसकी पूजा से व्यवसाय में वृद्धि होती है।
भगवान की मूर्ति का स्थान
अगर आप अपने व्यवसाय स्थल पर भगवान की मूर्ति रखना चाहते हैं तो उसे सही दिशा में रखें। मंदिर या पूजा कक्ष हमेशा ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में होना चाहिए, क्योंकि यह स्थान देवी-देवताओं के लिए बहुत शुभ होता है।
दुकान या ऑफिस का प्रवेश द्वार
व्यापारिक स्थान का प्रवेश द्वार हमेशा साफ और खुले होना चाहिए। अत्यधिक सजावट से बचें, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को रोक सकता है। ध्यान रखें कि प्रवेश द्वार पर कोई रुकावट न हो।
दफ्तर के मालिक की सीट का स्थान
दफ्तर के मालिक या मैनेजर को हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा में बैठना चाहिए या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। इस दिशा में बैठने से वे बेहतर निर्णय ले सकते हैं और व्यापार में लाभ मिल सकता है।
वॉशरूम की दिशा
वॉशरूम को हमेशा उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। इन दिशाओं में वॉशरूम रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है और यह व्यवसाय में वित्तीय वृद्धि में मदद करता है।
फर्नीचर का आकार
व्यापारिक स्थान पर फर्नीचर का आकार हमेशा नियमित और सीधा होना चाहिए। किसी भी अनियमित या एल-आकार के फर्नीचर से बचें क्योंकि इससे व्यापार में नकारात्मक प्रभाव हो सकता है।
उत्तर दिशा की सफाई
उत्तर दिशा को हमेशा साफ रखें। इस दिशा में किसी भी प्रकार की रुकावट या गंदगी नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह दिशा वित्तीय समृद्धि और व्यापार में वृद्धि से जुड़ी होती है।
प्राकृतिक प्रकाश का उपयोग
आपके दफ्तर या दुकान में पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए। यदि प्राकृतिक प्रकाश का प्रवेश संभव नहीं है, तो अधिक से अधिक आर्टिफिशियल लाइट का उपयोग करें। इससे नकारात्मकता दूर होती है और व्यवसाय में बेहतर परिणाम मिलते हैं।
दाहिनी दीवार का रंग
आपके ऑफिस या फैक्ट्री की दीवारों का रंग भी महत्वपूर्ण होता है। उज्जवल और आकर्षक रंग जैसे सफेद, नीला या ग्रे रंग का उपयोग करें। यह सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और व्यवसाय में वृद्धि के लिए मददगार होता है।
Disclaimer : यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। Ghamasan.com इनके सत्य और सटीक होने का दावा नहीं करता।