मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने हाल ही में अपने महत्वपूर्ण आदेश में साफ कर दिया कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग का रिजर्वेशन 14 फीसद ही रहेगा। ऐसे में अनारक्षित वर्ग की बड़ी जीत हुई है। बताया जा रहा है कि अधिवक्ता आदित्य संघी ने इस बात से अवगत करवाया है कि अब विवाद का पटाक्षेप हो गया है।
वहीं 50 फीसद से अधिक कुल आरक्षण अवैधानिक है। बता दे, इसमें सुप्रीम कोर्ट का भी न्यायदृष्टांत है। ऐसे में हाई कोर्ट ने भी अब समस्या हल कर दी गई। दरअसल, विगत सुनवाई में हाई कार्ट ने 27 फीसद ओबीसी आरक्षण पर रोक बरकरार रखी थी। दरअसल, ईडब्ल्यूएस आरक्षण की समस्त भर्तियां विचाराधीन याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दी थी।
साथ ही ओबीसी आरक्षण का अंतरिम आदेश भो मॉडिफाइड भी किया था। जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसद आरक्षण की संवैधानिकता व 10 फीसद इकोनॉमिक वीकर सेक्शन, ईडब्ल्यूएस आरक्षण की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली समस्त याचिकाओं की एक साथ सुनवाई हुई।