कोलकाता। दुर्गा पांडाल में सांसद नुसरत जहां का नाचना मुल्ला-मौलवियों को नागवार गुजरा है। कह रहे हैं कि इस्लाम में दूसरे भगवान को पूजने की इजाजत नहीं है। अगर कोई ऐसा करता है, तो वह पापी है। धर्म के बाहर शादी करके कौन-सी कसर छोड़ दी थी, जो अब नाच-थिरक भी रही हो। नाम तो बदल ही लिया है, धर्म भी बदल लो।
नुसरत ने जवाब दिया है कि मेरा नाम, कपड़े या मंगलसूत्र बदलने का हक सिर्फ मुझे है। पूजा और नमाज में फर्क करने वाले अपना फायदा चाहते हैं। यहां तो कम से कम राजनीति नहीं करे। जश्न में शामिल हो जाएं। नुसरत के पति निखिल ने पत्नी के बचाव में कहा है कि वो तो दूसरों के लिए मिसाल है। औरों को सीखना चाहिए कि सौहाद्र्र क्या होता है।
दुर्गा समिति का कहना है कि सांप्रदायिक सद्भाव के लिए ही हमने नुसरत को न्यौता दिया था। हमारा नारा है कि ‘हम साथ हैं, कोई अकेला नहीं।Ó इसी के चलते पूजा के दौरान अजान की भी मंजूरी दी गई। कई मुस्लिम विद्वान मानते हैं कि धर्म पर कोई रोक नहीं होना चाहिए। यह अपनी पसंद का मामला है। खबर ये भी है कि नुसरत की दुर्गा पूजा से समिति के कुछ लोग भी नाराज हैं।