इंदौर। मालवा क्षेत्र में रूफ टॉप सोलर नेट मीटर को अपनाने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही हैं। मालवा में 8500 से ज्यादा स्थानों पर सूरज की किरणों से पैनल्स के माध्यम से बिजली तैयार हो रही है, जबकि निमाड़ में करीब 700 परिसरों में सौर ऊर्जा से बिजली तैयार हो रही है। कंपनी क्षेत्र में 9200 से ज्यादा स्थानों पर सूरज की किरणों से बिजली बन रही हैं, रोज ही सूरज से बिजली बनाने वालों की संख्या में वृद्धि दर्ज हो रही हैं।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि निम्नदाब कनेक्शन वाले 8850 एवं उच्चदाब वाले 350 से ज्यादा परिसरों में पैनल्स लगाकर सूरज की किरणों से बिजली तैयार की जा रही है। जुलाई एवं अगस्त में बारिश के दिनों में भी इन सभी स्थानों पर बिजली बनी है। इस तरह ये सौर पैनल्स वर्षभर बिजली देने में कारगर साबित हो रहे है।
तोमर ने बताया कि सबसे ज्यादा पैनल्स इंदौर शहर एवं शहर से लगे सुपर कारिडोर, बायपास में लगे है। इंदौर शहर व करीब में लगभग 5600 स्थानों पर बिजली तैयार हो रही है। इंदौर जिले में कुल 5900 स्थानों पर सूरज की मदद से बिजली तैयार हो रही है। उज्जैन जिले में करीब 1200 स्थानों पर, तीसरे क्रम में रतलाम जिले में 395 स्थानों पर, चौथे क्रम में खरगोन में 310 स्थानों पर, पांचवें क्रम में धार जिला 290 स्थान, छठें क्रम में नीमच जिले में 225 स्थानों पर नेट मीटर लगे हैं। अन्य जिलों में 25 से लेकर 200 स्थानों पर रूफ टॉप सोलर नेट मीटर लगे हैं। तोमर ने बताया कि योजना के तहत सोलर पैनल्स लगाने वाले पात्र उपभोक्ताओं को केंद्र शासन सब्सिडी भी देती हैं। नेशनल पोर्टल के माध्यम से यह सब्सिडी सीधे ही पैनल्स लगाने वाले मौजूदा बिजली उपभोक्ता के बैंक खाते में पहुंचती है। लाभार्थी का कहना हैं इंदौर के उत्तर बिजली डिविजन के तहत स्कीम नंबर 114 की उपभोक्ता रीना कैलाश यादव ने बताया कि हमने मई में सेटअप लगाया था। इसके बाद हमारे यहां ढाई हजार की बजाए मात्र 300, 400 रूपए माह का ही बिल आया। दिल्ली से 51 हजार की सब्सिडी भी समय से मिल गई।