नई दिल्ली: लद्दाख में भारत के साथ तनातनी के बीच साउथ चाइना सी में चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका-चीन में तनाव का मुख्य कारण दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी नौसेना का शंक्ति प्रदर्शन बताया जा रहा है। इसको लेकर चीन से अमेरिका को धमकी भी दी है।
साउथ चाइना सी में युद्धाभ्यास के दौरान परमाणु बम ले जाने में सक्षम अमेरिका के बमवर्षक विमान समेत कुल 11 फाइटर जेट ने विवादित क्षेत्र में उड़ान भरी। इन सभी फाइटर जेट ने निगरानी विमानों के जरिए चीन को अपनी ताकत का एहसास कराया।
इतना ही नहीं इस दौरान यूएस नेवी के परमाणु युद्धपोत निमित्ज और रोनाल्ड रीगन जैसे दुनिया के सबसे बड़े एयरक्राफ्ट कैरियर ने भी अभ्यास में हिस्सा लिया। विवादित क्षेत्र में अमेरिका के शक्ति प्रदर्शन से चीन बुरी तरह भड़क गया है।
Refueling midflight #likeaboss. @usnavyblueangels pic.twitter.com/pswGrE9lEH
— U.S. Navy (@USNavy) July 5, 2020
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबर टाइम्स ने इसे शक्ति का खुला प्रदर्शन बताया और अमेरिका को धमकी दी। ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि अमेरिका के किसी भी कार्रवाई पर पीएलए मुंहतोड़ जवाब देने के लिए इंतजार कर रही है।
ग्लोबल टाइम्स की तरफ से कहा गया है कि चीन के पास DF-21D और DF-26 “एयरक्राफ्ट कैरियर और किलर मिसाइल जैसे एंटी-एयरक्राफ्ट कैरियर हथियारों का जखीरा है। दक्षिण चीन सागर पूरी तरह से पीएलए की मुट्ठी में है। क्षेत्र में किसी भी अमेरिकी एयरक्राफ्ट करियर के खिलाफ कार्रवाई में PLA को खुशी मिलेगी।
ग्लोबल टाइम्स की धमकी भरे ट्वीट को रिट्वीट करते हुए यूएस नेवी की तरफ से कहा गया कि अमेरिकी नेवी इसके बाद भी उस क्षेत्र में तैनात रहेगी। चीनी नौसेना के युद्धाभ्यास के समय ही अमेरिका ने युद्धाभ्यास कर चीन को चुनौती दी है। अमेरिका ने कहा है कि युद्धाभ्यास का मुख्य मकसद इस इलाके में हर देश को उड़ान भरने की आजादी, समुद्री इलाके से गुजरने की व्यवस्था का अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक संचालन करना और सहयोग देना है।