RBI In Action: बैंक ग्राहकों की एक सामान्य शिकायत यह है कि लोन डिफॉल्ट होने के बाद भी, क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां (CIC) और बैंक उनके डेटा को सही तरीके से अपडेट नहीं करते। इसके परिणामस्वरूप, ग्राहक का क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है, जिससे भविष्य में कम ब्याज दर पर लोन मिलने की संभावना घट जाती है। इस समस्या को दूर करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बड़ा कदम उठाया है।
डेटा अपडेट में तेजी लाने के लिए RBI के सख्त निर्देश
RBI ने क्रेडिट इतिहास को स्टोर करने वाले बैंकों, फाइनेंस कंपनियों और क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों (CIC) को अपने डेटा अपडेट के प्रक्रिया में तेजी लाने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। अब ग्राहकों के क्रेडिट डेटा को समय पर अपडेट करने के साथ ही उन्हें उनके क्रेडिट स्टेटस में होने वाले बदलाव के बारे में सूचित किया जाएगा।
ग्राहक अधिकारों की रक्षा
यदि कोई बैंक, NBFC या CIC ग्राहक की शिकायत को 30 दिन के भीतर हल नहीं करता, तो उसे हर दिन 100 रुपये का मुआवजा देना होगा। यह जुर्माना तब लागू होगा जब शिकायतकर्ता को 21 दिनों के भीतर क्रेडिट जानकारी में सुधार कर अपडेट भेजने में विफलता हो। यह कदम ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि उनके क्रेडिट रिकॉर्ड को समय पर ठीक किया जा सके।
डेटा सुधार के अनुरोधों का अस्वीकरण होगा स्पष्ट
आरबीआई ने CIC और क्रेडिट संस्थानों (CI) से यह भी कहा है कि यदि वे ग्राहकों के डेटा सुधार के अनुरोध को अस्वीकार करते हैं, तो उन्हें इसका कारण स्पष्ट रूप से बताना होगा। इसके अलावा, उन्हें हर महीने ग्राहकों के डेटा को अपडेट करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके तहत ग्राहकों को हर कार्यवाही के बारे में भी सूचित करना अनिवार्य किया गया है।
ग्राहकों को अलर्ट भेजने का निर्देश
RBI ने यह भी आदेश दिया है कि जब किसी ग्राहक का क्रेडिट डेटा किसी स्पेसिफाइड यूज़र द्वारा एक्सेस किया जाता है, तो उन्हें SMS या ईमेल के जरिए अलर्ट भेजा जाना चाहिए। इससे ग्राहकों को उनके डेटा के बारे में सही जानकारी मिल सकेगी और वे किसी भी अप्रत्याशित घटनाओं से बच सकेंगे।
CICs की संख्या और उनका कामकाज
भारत में चार प्रमुख क्रेडिट सूचना कंपनियां (CICs) हैं जिन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिकृत किया गया है: TransUnion CIBIL, CRIF High Mark, Equifax, और Experian। इन कंपनियों का प्रमुख काम यह सुनिश्चित करना है कि ग्राहकों का लोन डिफॉल्ट और अन्य क्रेडिट स्थितियों का सही रिकॉर्ड रखा जाए।
क्रेडिट स्कोर: लोन मिलने की संभावनाओं को प्रभावित करता है
क्रेडिट स्कोर किसी व्यक्ति के लोन चुकाने की क्षमता और वित्तीय स्थिति का प्रतीक होता है। जब कोई ग्राहक लोन लेता है, तो बैंक उसे चुकाने की जानकारी CIC को भेजते हैं, जिसके आधार पर क्रेडिट स्कोर तैयार किया जाता है। उच्च क्रेडिट स्कोर वाले व्यक्तियों को सस्ती दरों पर लोन मिलते हैं और उन्हें विभिन्न अन्य लाभ भी मिल सकते हैं।