नई दिल्ली: कोरोना महामारी के कारण साल 2020 सभी के लिए पीड़ा दायक रहा है, कई लोगो के काम बंद हो गए तो कइयों ने अपनी नौकरी से हाथ धो बैठे ऐसे इस साल की शुरुआत अच्छी नजर आ रही है क्योंकि देश में कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीन का टीका लगाया जा रहा है और देश में नया वित्तीय बजट भी पेश हो चूका है, जिससे देश में कई बदलाव होने की सम्भावना भी नजर आ रही है। साथ ही इस साल का वित्तीय वर्ष 2020-21 भी समाप्त होने वाला है जिसके लिए मार्च के अंत से पहले दो अतिरिक्त शनिवार को काम करने के लिए सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है।
इस साल की वित्तीय वर्ष के खत्म होने कुछ दिन शेष है जिस बीच वित्त मंत्रालय और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने बैंकों को अगले एक महीने में स्ट्रीट वेंडर को लोन देने पर जोर देने को कहा है। मंत्रालय द्वारा मार्च के महीने के लिए बैंकों को कहा गया है अब से कम सिबिल स्कोर के आधार पर एप्लीकेशन रद्द करना ठीक नहीं है, जब तक वेंडर लोन डिफॉल्टर न रहा हो। जिसका अर्थ है अब कम सिबिल स्कोर वालो को बैंक लोन देगी।
पीएम स्वनिधि योजना के तहत दस हजार रुपये का कर्ज
देश में केंद्र सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना के तहत 30 लाख लोगों को लोन देने का लक्ष्य रखा है। जिसके लिए जून 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्ट्रीट वेंडर को एक वर्ष की अवधि के लिए कम ब्याज दरों पर दस हजार रुपये का कोलैटरल फ्री लोन देने का कार्यक्रम पेश किया गया था। कोरोना के कारण कुछ समय के लिए इसका आवेदन रुक गया था लेकिन ये प्रक्रिया अब फिर से शुरू हो गई है, और काम ब्याज दर पर लोगों को 10000 का लोन दिया जा रहा है।
पीएम स्वनिधि योजना के तहत आधे लोगों को दिया जा चूका लोन-
पीएम स्वनिधि योजना के तहत अब तक केवल 15 लाख लोगों को लोन दिया गया है जोकि अभी इस लक्ष्य का केवल आधा है। इस योजना के तहत लोन के लिए बैंकों को इनके 38 लाख एप्लीकेशन मिले हैं, जिनमे से 21 लाख ही मंजूर हुए हैं और अभी लोन में से 16 लाख आवंटन हो किया गया है।