राजधानी दिल्ली में कोरोना का प्रकोप आए दिन बढ़ता ही जा रहा है। दिल्ली में लगातार ऑक्सीजन की कमी और बेड की किल्लत से जनता परेशान हो रही है। ऐसे में नार्थ दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले तीन बड़े अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की दिशा में काम शुरु हो गया है। बताया जा रहा है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार भी ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
ऐसे में अब ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए नगर निगम के अधिकारियों ने मेयर जय प्रकाश के साथ हॉस्पिटल में लगने वाले प्लांट का जायजा लिया है। उन्होंने बताया है कि ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए हमारी कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के माध्यम से इंडियन ऑयल से बात चल रही है। उन्होंने नगर निगम फाइल भेज दी है।
कहा जा रहा है कि जैसे ही से फाइल को अनुमति मिलेगी और फंड आ जाएगा निगम एक माह के अंदर एक ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कर देगा। उनके मुताबिक, उत्तरी दिल्ली नगर निगम का यह खुद का ऑक्सीजन प्लांट होगा। इस वजह से अब अस्पताल में जो मरीज आने वाले वक्त में एडमिट होंगे, उनको ऑक्सीजन की किल्लत से जूझना नहीं पड़ेगा। जो इस वक्त दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों में लोगों को जूझना पड़ रहा है।
बता दे, मेयर ने ये भी कहा है कि ऑक्सीजन प्लांट आधुनिक तकनीक से युक्त होंगे, जिनमें एक हजार लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन का उत्पादन होगा, जो कि 200 बिस्तर के अस्पताल के लिए पर्याप्त हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि बालकराम अस्पताल 100 बिस्तर का है, इसलिए 100 बिस्तर की जो अतिरिक्त ऑक्सीजन उत्पादित होगी, वह दूसरे अस्पतालों के काम आएगी।
इसके अलावा उन्होंने ये भी जानकारी देते हुए बताया है कि बालक राम अस्पताल के साथ, राजन बाबू टीबी और बाड़ा हिंदूराव अस्पताल में भी ऑक्सीजन का प्लांट लगाया जाना है। इन तीनों पर करीब आठ करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। बता दे, इन ऑक्सीजन प्लांट पर पाइप से ऑक्सीजन मरीजों तक पहुंचाने के साथ ही ऑक्सीजन के सिलेंडर भी भरने की क्षमता होगी, ताकि जरूरत होने पर दूसरे अस्पतालों या स्वास्थ्य इकाइयों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा सके।