अब गांव के युवा को गांव में ही मिलेगा काम, प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ग्रामीण युवाओ केलिए निकाली ये योजना

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प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य स्तरीय आईटीआई (ITI) दीक्षांत समारोह में केन्द्र सरकार की संकल्प योजना के अंतर्गत ‘ग्रामीण इंजीनियर योजना’ का शुभारंभ किया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि युवाओं में कौशल निखारने में आईटीआई (ITI) सर्वश्रेष्ठ है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि ग्रामीण इंजीनियर योजना के अंतर्गत 57 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में तीन व्यवसायों (प्लम्बर, मेसन, इलेक्ट्रीशियन) में 110 दिवस का प्रशिक्षण संचालित किया जाता है । प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी को राशि रुपये 500/- प्रति 30 कार्य दिवस प्रदान की जाती है।

ग्रामीण युवाओं को अपने क्षेत्र में ही स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश में ग्रामीण इंजीनियर योजना शुरू की गई है । इस योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में हर गाँव में तकनीकी सेवा उपलब्ध कराने के लिए गाँव के एक हायर सेकेंडरी उत्तीर्ण युवा को `ग्रामीण इंजीनियर’ के रूप में प्रशिक्षित किया जाना सुनिश्चित किया गया है। मुख्यमंत्री ग्रामीण इंजीनियर योजना के अन्तर्गत चयनित युवाओं को आई.टी.आई. द्वारा बहु कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है । सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने वाले युवाओं को राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद द्वारा प्रमाण पत्र दिए जाते हैं, जिसके आधार पर युवा ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी सेवाएँ दे सकते हैं।

कैसे लागू होगी योजना ?

मुख्यमंत्री ग्रामीण इंजीनियर योजना इसके लिए सभी 700 जिलों के लिए जिला कौशल योजना तैयार की जा रही है। और प्रत्येक जिले के लिए एक महात्मा गांधी राष्ट्रीय फेलो नियुक्त किया गया है, जो स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार कौशल विकास के लिए जिला कलेक्टर के साथ जिले के जनप्रतिनिधि के रूप में काम करेगा। कौशल विकास के लिए कौशल को दो श्रेणियों में बांटा जाएगा। एक के तहत कृषि अर्थव्यवस्था आधारित कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा, जबकि दूसरी श्रेणी में गैर-कृषि अर्थव्यवस्था आधारित कौशल विकास पर फोकस रहेगा।

कोन बन सकता है लाभार्थी

मुख्यमंत्री ग्रामीण इंजीनियर योजना का लाभ निम्न वर्ग वाले ले सकते है, सामान्य वर्ग (General) अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) अनुसूचित जाति (SC) अनुसैचित जन जाति (ST)

प्रशिक्षण समय

मुख्यमंत्री ग्रामीण इंजीनियर योजना में प्रशिक्षण की कुल अवधि 90 कार्य दिवस की होती है। तथा प्रत्येक दिवस में 4 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाता है

इस प्रकार मिल सकेगा लाभ

आवेदक ग्राम पंचायत में ग्राम सभा को आवेदन करेगा। ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव द्वारा सूची मुख्य कार्यपालन अधिकारी विकासखण्ड को भेजेंगे।

पात्रता एवं योग्यता

आवेदक की उम्र 25 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। आवेदक मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य है। आवेदक विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्र का वर्तमान निवासी होना अनिवार्य है।अनारक्षित श्रेणी के लिए 10+2 (बारहवीं) अनुसूचित जति, जनजाति एवं अन्य पिछडा वर्ग के लिए 10+2 के व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जायेगी। पर्याप्त संख्या मे हितग्राही न मिलने पर 10वीं उत्तीर्ण हितग्राही को भी अवसर दिया जा सकता है।