नई दिल्ली। देश में जारी किसान आंदोलन के समर्थकों में अब खिलाड़ियों की गिनती बढ़ती जा रही है। जिसके चलते अब सभी आंदोलन का समर्थन करने सिंघु बॉर्डर पहुंचने वाले है। वही पंजाब के जालंधर से 37 पूर्व ओलिंपियन और पद्म, खेल पुरुस्कार हासिल कर चुके पूर्व खिलाड़ी शनिवार को रैली की शक्ल में जालंधर से सिंघु बॉर्डर पहुंचेंगे। साथ ही नये कृषि नियमों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांगों को पूरा नहीं करने पर खिलाड़ियों ने सरकार के दिए गए अवार्ड्स को वापस करने की भी धमकी दी है। इसके लिए उन्होंने 6 और 7 दिसंबर को राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है।
वही, खिलाड़ियों केअनुसार, किसानों के समर्थन में वह अपने अवॉर्ड वापस कर रहे हैं। इन सभी खिलाड़ियों को साथ लाने का श्रेय पूर्व बास्केटबॉल खिलाड़ी सज्जन सिंह चीमा को जाता है, जो पिछले कुछ समय से सभी खिलाड़ियों को इस मसले पर एकजुट करने की कोशिश कर रहे थे। साथ ही, अर्जुन अवॉर्डी करतार सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, ‘हमारे किसान हमारा परिवार है। इसका मतलब है कि अगर वह प्रदर्शन कर रहे हैं तो हम भी इसमें उनके साथ है।’
साथ ही पूर्व राष्ट्रीय मुक्केबाजी कोच गुरबक्श सिंह संधू ने भी धमकी देते हुए कहा कि, वह अपना द्रोणाचार्य पुरस्कार लौटा देंगे। बता दे कि, संधू के कार्यकाल में ही भारत ने मुक्केबाजी का पहला ओलिंपिक पदक हासिल किया था। वह दो दशक तक भारत के राष्ट्रीय पुरूष कोच रहे ,जिसके बाद वह दो वर्षों से महिला मुक्केबाजों को कोचिंग दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि, यह किसानों का समर्थन करने का उनका तरीका है जो इतनी ठंड में खुद की परवाह किये बिना आंदोलन कर रहे हैं। साथ ही संधू ने पटियाला में कहा कि, ‘मैं किसानों के परिवार से आया हूं, उनके डर को संबोधित किया जाना चाहिए। अगर चल रही बातचीत से किसानों के लिये संतोषजनक नतीजा नहीं निकलता तो मैं पुरस्कार लौटा दूंगा।’