Indore Beggar Rule: देश के सबसे स्वच्छ शहर और मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। अब यदि कोई व्यक्ति भिखारियों को भीख देता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने के लिए प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। इस कदम का उद्देश्य शहर में भिक्षावृत्ति को समाप्त करना और इसे एक गंभीर सामाजिक समस्या से मुक्ति दिलाना है।
कलेक्टर ने जारी किया फरमान
इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह ने शहरवासियों से अपील की है कि वे भिक्षावृत्ति को बढ़ावा न दें। उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत तक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा और अगले साल 1 जनवरी से भीख देने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। इस प्रकार, प्रशासन भिखारी मुक्त इंदौर बनाने के लिए गंभीर है और इसके लिए एक ठोस योजना पर काम कर रहा है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने देश के 10 शहरों में भिखारियों से मुक्ति पाने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस परियोजना के तहत चुने गए शहरों की सूची में इंदौर का नाम भी शामिल है। इंदौर में इस पहल को लागू करने के लिए जिला प्रशासन पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है। प्रशासन की योजना है कि 2024 के शुरू होते ही भिखारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
भिखारी मुक्त अभियान के तहत विशेष टीम का गठन
इंदौर पुलिस ने भिखारी मुक्त अभियान के तहत हाल ही में एक विशेष टीम का गठन किया है। इस टीम ने शहर में भिखारियों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की, और इस दौरान 14 भिखारियों को पकड़ा भी गया। यह अभियान भिक्षावृत्ति को समाप्त करने और भिखारियों को पुनर्वासित करने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकता है।
कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि हाल ही में प्रशासन के पास कुछ ऐसे मामले आए हैं, जिनमें यह सामने आया कि भिखारियों द्वारा भीख में प्राप्त पैसे का इस्तेमाल ड्रग्स खरीदने के लिए किया जाता था। इसके अलावा, कुछ मामलों में यह भी पाया गया कि परिवारों ने अपने बुजुर्गों को भिक्षावृत्ति के लिए भेजकर उन्हें इस धंधे में शामिल कर लिया। कुछ गैंग भी राजस्थान और आसपास के गाँवों से इंदौर में भिक्षावृत्ति करने के लिए लोगों को लाकर उन्हें भीख मांगने का काम करवा रहे थे। कलेक्टर ने यह भी बताया कि इस तरह की भिक्षावृत्ति अब एक बड़े व्यवसाय का रूप ले चुकी है, और प्रशासन इसे समाप्त करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
1 जनवरी से शहर में लागू होगा ये नया नियम
इंदौर प्रशासन की योजना है कि 1 जनवरी से यदि कोई व्यक्ति भिखारी को भीख देते हुए पाया जाएगा, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसका मतलब है कि केवल भिखारी ही नहीं, बल्कि उनके मददगार भी अब प्रशासन के रडार पर होंगे। कलेक्टर ने नागरिकों से अपील की है कि वे भिक्षावृत्ति को बढ़ावा देने के बजाय इसका विरोध करें और शहर को स्वच्छ और भिखारी मुक्त बनाने में प्रशासन की मदद करें।