विश्व स्वास्थ्य संगठन या कुछ विशेष देशों में अनुमति प्राप्त कर चुकी वैक्सीन को भारत में ब्रिजिंग ट्रायल दौर से नहीं गुजरना होगा. इस बात की जानकारी बुधवार को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडियाने दी है.उन्होंने कहा कि वैक्सीन की कमी की खबरों के बीच DCGI का यह फैसला विदेश से सप्लाई को बेहतर बनाने में मददगार होगा. फाइजर और मॉडर्ना जैसे कई निर्माताओं ने सरकार के सामने शर्तें रखी थीं.
USFDA, EMA, UK MHRA, PMDA जापान या डब्ल्यूएचओ की इमरजेंसी यूज लिस्टिंग यानि EUL में शामिल वैक्सीन को ब्रिजिंग ट्रायल नहीं करने होंगे. इनमें अच्छी तरह से स्थापित वे टीके भी शामिल होंगे, जिन्हें पहले ही लाखों लोग लगवा चुके हैं. DCGI के वीजी सोमानी ने बताया कि यह छूट नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन (NEGVAC) की सिफारिशों के आधार पर दी गई है.