अर्जुन राठौर
छत्तीसगढ़ में कलेक्टर द्वारा थप्पड़ मारने की घटना के बाद कलेक्टर ने ना केवल माफी मांगी बल्कि उन्हें तुरंत प्रभाव से हटा भी दिया गया लेकिन मध्यप्रदेश के शाजापुर में भी एक घटना सामने आई है जो इस समय नेशनल चैनल पर चर्चा का विषय बनी हुई है ।
बताया जाता है कि शाजापुर में एक दुकान खुली हुई थी जब यहां पर शाजापुर की अपर कलेक्टर मंजूषा विक्रांत पहुंची तो उन्होंने दुकान से निकले एक बच्चे को थप्पड़ मार दिया यह वीडियो भी बहुत तेजी से वायरल हो रहा है कहा जाता है कि दुकान से निकले इस बच्चे पर मंजूषा विक्रांत बहुत गुस्सा हुई और उसे पीट दिया आज एनडीटीवी द्वारा इस पूरे मामले को उठाते हुए कहा गया कि आखिर अधिकारियों को कानून के तहत कार्रवाई करना चाहिए उन्हें थप्पड़ मारने का अधिकार किसने दिया है ?
उल्लेखनीय है कि इन दिनों अधिकारियों और पुलिस द्वारा लोगों को पीटे जाने के वीडियो बेहद तेजी से वायरल हो रहे हैं सवाल इस बात का है कि कर्फ्यू के उल्लंघन को लेकर जब कानूनी स्थिति स्पष्ट है कि या तो उस दुकान को सील किया जाए या उसका चालान बना दिया जाए लेकिन इनका पालन नहीं करते हुए अधिकारी लोगों को जब पीटने पर उतारू हो जाते हैं तो सवाल यही उठता है कि क्या जनता को भेड़ बकरी समझा जा रहा है अगर कोई कानून का उल्लंघन कर रहा है तो उस पर कानून के हिसाब से कार्रवाई होना चाहिए कानून अपने हाथ में लेकर लोगों को पीटना कहां तक उचित है ?
हालांकि अभी तक मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अपर कलेक्टर विक्रांत मंजूषा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है लेकिन अब यह पूरा मामला नेशनल चैनल पर चल रहा है उसके बाद यही उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में भी कार्रवाई होगी ।