छोटे दुकानदार ही नहीं, बल्कि देश के नामचीन निर्माता भी रतलामी सेंव का नाम प्रभावित कर रहे हैं

Share on:

ललित भाटी

रतलामी सेंव, यह नाम आज केवल भारत में ही नहीं, बल्कि वर्तमान में विश्व स्तर पर अपनी विश्वसनीयता के साथ प्रख्यात है। लेकिन इस विश्वव्यापी प्रसिद्धि का दुरूपयोग करते हुए, देशभर में फैले हजारों नमकीन विक्रेता तथा निर्माता ,दशकों से सामान्य से लेकर घटिया स्वाद तक की सेंव को रतलामी सेंव के नाम से धड़ल्ले से बेच रहे हैं। ऐसा करने के लिए उन्हें अपने संस्थान पर केवल रतलामी सेंव का साइन बोर्ड लगाना होता है और सेंव पैक करने हेतु ,रतलामी सेंव, छपी आकर्षक प्लास्टिक की थैलियां रखनी होती है। इस खेल में आज भारत के एक छोटे गांव का दुकानदार ही नहीं, बल्कि समूचे देश में बड़े नगरों में चैन सिस्टम के साथ फैले, वे प्रतिष्ठा प्राप्त नमकीन, मिठाई के बड़े घराने भी शामिल हैं, जिनके नाम का डंका विदेशों तक में बजता है। अभी लॉक डाउन के दौरान ऐसे सैकड़ों विक्रेताओं तथा निर्माताओं ने रतलामी सेंव के नाम पर अपने माल को , मनमानी क़ीमत पर लोगों को बेचा औऱ खिलाया। ऐसा करने वाले शायद इस सच से परिचित नहीं हैं कि, पिछले अनेक दशकों औऱ प्रयोगों ने यह साबित किया है कि, रतलामी सेंव का जायका सिर्फ़ औऱ सिर्फ़ रतलाम में ही बनी सेंव से मिल सकता है, अन्य किसी स्थान पर बनी सेंव से नहीं।

ऐसा होने के कारण बहुत स्प्ष्ट हैं। रतलाम में ही निर्मित सुस्वादु सेंव को रतलाम का पर्यावरण, जलवायु, पानी, मसालों की गुणवत्ता, रतलामी कारीगर के ही हाथ का स्पर्श, भट्टी की विशेष बनावट तथा तापमान आदि प्रभावित करते हैं। इसलिए ही तो वह ,अपने नाम के अनुरूप इतनी स्वादिष्ट बन पाती है। यही कारण है कि, रतलाम से बाहर के दुकानदारों एवं निर्माताओं द्वारा रतलामी सेंव के नाम पर जो सेंव बेची जा रही है, वह असली रतलामी सेंव के मुकाबले कहीं नहीं ठहरती है।

रतलामी सेंव का नाम औऱ रतलाम नगर की प्रतिष्ठा उस समय ज्यादा ख़राब होती है, जबकि रतलाम से बाहर के लोग , रतलामी सेंव के नाम की प्रसिद्धि सुनकर, स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध सेंव को रतलामी सेंव मानकर खाते हैं, जबकि उसकी गुणवत्ता औऱ स्वाद असली रतलामी सेंव से मिलों दूर रहता है। फ़िर ऐसी सेंव को ,रतलामी सेंव के नाम पर आकर्षक पैकिंग में ,मनमानी क़ीमत पर बेचा जाता है।

रतलाम के नमकीन व्यवसाय का ,वहां के अर्थ जगत में एक बहुत बड़ा योगदान है। नमकीन की एक बहुत बड़ी राशि की बिक्री वहां प्रतिदिन संपन्न होती है। नमकीन में , विशेषकर सेंव के नाम तथा काम की विश्वसनीयता बनाए रखने हेतु सर्वप्रथम रतलाम के ही नमकीन विक्रेताओं तथा निर्माताओं को आगे आना पड़ेगा। उनकी भी पहली जिम्मेदारी यहीं से शुरू होती है कि, वे सदैव उत्तम गुणवत्ता से ही अपनी सेंव का निर्माण करें और उसे बेचें। यही बेहतर स्थिति उन्हें आगामी अनेक दशकों तक सम्पूर्ण विश्व में , स्वादिष्ट सेंव के लिए पहले स्थान पर बनाए रखेगी।

रतलाम से बाहर ,रतलामी सेंव के नाम पर ,स्थानीय सेंव को बेचना औऱ बनाना ,रतलाम के सम्मान को प्रभावित करने के साथ ही ,रतलाम के नमकीन विक्रेताओं तथा निर्माताओं के साथ भी एक बड़ी बेईमानी है। रतलाम के प्रति नागरिक जवाबदेही रखने वालों को इस दिशा में तत्काल सार्थक और मजबूत सद्प्रयास करने चाहिए, ताकि नमकीन के मामले में रतलाम की कीर्ति सदैव यशस्वी बनी रहे।