केजरीवाल को कोई राहत नहीं, HC ने CBI को जारी किया नोटिस, 17 जुलाई को अगली सुनवाई

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सीबीआई को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने जमानत याचिका के संबंध में सीबीआई को नोटिस जारी किया और अगली सुनवाई 17 जुलाई के लिए निर्धारित की हैं।

अरविंद केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने दलील दी कि आप नेता के भागने का कोई खतरा नहीं है और न ही वह आतंकवादी है। सिंघवी ने उल्लेख किया कि प्रवर्तन निदेशालय के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिलने के बाद केजरीवाल को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। दूसरी ओर, सीबीआई की ओर से वकील डीपी सिंह ने केजरीवाल द्वारा निचली अदालत में जमानत याचिका दायर किए बिना सीधे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने पर आपत्ति जताई।

क्या हैं मामला?

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को सीबीआई ने 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया, जहां वे न्यायिक हिरासत में हैं। यह गिरफ्तारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज किए गए मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ी है। इससे पहले केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने इसी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। उन्हें 20 जून को ट्रायल कोर्ट से जमानत मिल गई थी। हालांकि, बाद में हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के जमानत आदेश को बरकरार रखा, जिसके चलते केजरीवाल को तिहाड़ जेल में ही रहना पड़ा।

दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा इसके निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच के आदेश देने के बाद 2022 में आबकारी नीति को रद्द कर दिया गया था। सीबीआई और ईडी के अनुसार, आबकारी नीति में संशोधन करते समय अनियमितताएं बरती गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।