नई दिल्ली। शुक्रवार को हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीती के काॅन्क्लेव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाषण दिया। जिसमें नई शिक्षा नीति पर पीएम मोदी ने कई अहम बाते बताई। बता दें कि देश की शिक्षा नीति में 34 साल बाद कोई बदलाव किया गया हैै।
पीएम मोदी ने बताया कि इस नई नीमि को लाने के लिए उनकी सरकार बीते तीन-चार साल से विचार-मंथन कर रही है। हर क्षेत्र और हर वर्ग से इसके लिए सुक्षाव लिए गए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति को लाने के बाद इसका किसी ने कोई विरोध नहीं किया। इसका अलावा और भी कई महत्वपूर्ण बातों को पीएम मोदी ने सामने रखा।
- उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में कुछ भी एक तरफा नहीं है।
- नीति में हुए बदलाव के बाद कोई शिकायत सामने नहीं आई ।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत का आधार ।
- इसे लागू करने में जो भी मदद चाहिए, मैं आपके साथ हूं।
- शिक्षा नीति में देश के लक्ष्यों का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि भविष्य के लिए पीढ़ी को तैयार किया जा सके।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को मजबूत करेगी, नई शिक्षा नीति में सोच को विकसित करने पर ज़ोर।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 5वीं तक मातृभाषा में होगी पढ़ाई ।
- जब नर्सरी का बच्चा भी नई तकनीक के बारे में पढ़ेगा, तो उसे भविष्य की तैयारी करने में आसानी मिलेगी।
- इस नीति से पढ़ाई नहीं बल्कि वर्किंग कल्चर को डेवलेप किया जाएगा।
- हमें विद्यार्थी को ग्लोबल सिटीजन बनाना है लेकिन उन्हें अपनी जड़ों से जुड़े रहें।
- बच्चा अपने कोर्स को फोकस करे अगर मन ना लगे तो कोर्स बीच में छोड़ भी सके। अब छात्र कभी भी कोर्स से निकल सकेंगे और जुड़ सकेंगे। मल्टिपल एंट्री और एक्ज़िट का होगा सिस्टम।
- नई शिक्षा नीति से कोई व्यक्ति पूरे जीवन में एक ही प्रोफेशन पर नहीं रहना चाहता तो वो ऐसा कर सकेगा।
- छात्रों के साथ-साथ नए टीचर तैयार करने पर भी जोर दिया जा रहा है। नई नीति में शिक्षको की गरिमा पर ध्यान
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति में समाज के आखिरी छात्र तक शिक्षा देने पर ज़ोर, अब 10+2 नहीं 5+3+3+4 का होगा सिस्टम ।
- श्रम का सम्मान करना नई पीढ़ी को सीखना होगा ।
- अब व्यावहारिक शिक्षा पर ज्यादा ज़ोर ।
- किताबों का बोझ कम कम करने पर दिया जाएगा ज़ोर ।
- उच्च शिक्षा संस्थानो को सशक्त करने पर ज़ोर ।
- टेक्नोलोजी से कम खर्च में पढ़ाई संभव ।