नीतीश सरकार संकट में, बन रहा है महाराष्ट्र फॉर्मूला

rohit_kanude
Published on:

बिहार के महागठबंधन में तनातनी का महौल बन गया हैं। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के बीच बात नहीं बन पा रहीं हैं। खहरें आ रही है कि आरसीपी सिंह जेडीयू के कई विधायकों से संपर्क में हैं और बिहार में महाराष्ट्र का फॉर्मूला दोहराए जाने की आशंका बनी हुई है। इसी कारण जेडीयू की आरजेडी से बात नहीं बन पाई है। जेडीयू नेता आरसीपी सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके पास आय से अधिक संपत्ति होने पर पार्टी सफाई मांगी थी।

वहीं, आरसीपी सिंह के सुर भी बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लेकर तेजी से बदले हैं। आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते रहे हैं और सीएम को पीएम मैटेरियल बताते रहे हैं लेकिन हाल में उन्होंने एक बयान में कहा कि नीतीश कुमार सात जन्मों में भी पीएम नहीं बन पाएंगे। आरसीपी सिंह के इस्तीफे के साथ जेडीयू, आरजेडी और जीतनराम मांझी ने अपने-अपने विधायकों की बैठक बुलाई है. जेडीयू मंगलवार को विधायकों के अलावा अपने सभी सांसदों की बैठक करने जा रही है।

Also Read : फ्रेशर्स के लिए बड़ी खुशखबरी, यहां निकली कई पदों पर भर्ती, जानें डिटेल्स

इससे पहले खबर आई कि सीएम नीतीश कुमार ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनियां गांधी से फोन पर संपर्क साधा. वहीं, एक अहम बयान जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की ओर से आया, उन्होंने बीजेपी का नाम लिए बिना कहा एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान का नाम लेते हुए कहा कि अब चिराग मॉडल लागू करने की साजिश सफल नहीं होगी।

इस प्रकार बिगड़ सकता है नीतीश का गणित

बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं, जिनमें से बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत होती है। पिछले चुनाव में एनडीए ने 125 सीटें जीती थीं। सबसे ज्यादा 74 विधायक बीजेपी के हैं और फिलहास एनडीए में शामिल जेडीयू के पास 43 सीटें हैं। महागठबंधन के खाते में 110 सीटें हैं. ऐसे में जेडीयू में टूट होती है तो बीजेपी को अपने दम पर सत्ता पर काबिज होने के लिए 48 विधायकों की और जरूरत पड़ेगी। हालांकि, यह आंकड़ा पूरा करना उसके लिए मुश्किल होगा क्योंकि उसका समर्थन करने वाली लोक जनशक्ति पार्टी का केवल एक विधायक है और एक ही सीट निर्दलीय विधायक के खाते में है। इसके अलावा जो भी सीटें हैं वे बीजेपी के विरोधी दलों में हैं लेकिन राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है।