नई दिल्ली। विकास दुबे का केस नया मोड़ लेते जा रहा है। इसी कड़ी में बिकरू कांड की जांच के लिए गठित 3 सदस्य जांच आयोग ने भले ही विकास दुबे का एनकाउंटर करने वाली पुलिस टीम को क्लीन चिट दे दी हो, लेकिन आयोग की रिपोर्ट ने गैंगस्टर विकास दुबे और अफसरों की मिलीभगत का कच्चा चिट्ठा जरूर सामने ला दिया है। बता दें कि, जांच आयोग 5 महीने तक विकास दुबे से जुड़ी 21 मुकदमों की फाइल मांगता रह गया लेकिन फाइल नहीं मिली। बताया जा रहा है कि विकास दुबे के 21 मुकदमों की फाइलें ही गायब हो गई हैं।
रिटायर्ड जस्टिस बीएस चौहान, शशिकांत अग्रवाल और पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता के जांच आयोग ने 5 महीने तक विकास दुबे के एनकाउंटर और विकास दुबे से जुड़े मामलों की जांच की तो पता चला विकास दुबे पर दर्ज 21 मुकदमों की तो फाइल ही गायब है। जिन 21 मुकदमों की फाइलें 5 महीने तक अधिकारी जांच आयोग के सामने पेश नहीं कर पाए उनमें 11 मामले शिवली थाने के, 4 कल्याणपुर थाने के, 5 मामले चौबेपुर और 1 मामला बिल्हौर का है।
दरअसल, जांच आयोग ने विकास दुबे पर दर्ज सभी मुकदमों से जुड़ी एफआईआर, चार्जशीट, गवाहों की सूची और उनके दिए बयान की फाइल मांगी थी। विभिन्न थानों में दर्ज 43 मामलों की तो फाइल जांच आयोग को मिली, लेकिन 21 मुकदमों की फाइलें नहीं मिल सकी। जांच आयोग ने गंभीर अपराधों की फाइल गायब होने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की सिफारिश की है।