मेडिकल साइंस के ‘कटिंग एज’ दौर में नई तकनीक का मरीजों को मिलेगा फायदा, मंत्री सिंधिया ने ऑटोमेटिक रोबोटिक सिस्टम का किया उद्धाटन

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इंदौर। ये मेडिकल साइंस की “कटिंग एज“ का दौर है। इस क्षेत्र में रोबोट्स के फिफ्थ जनरेशन के प्रवेश से श्री अरबिंदो अस्पताल में लाखों मरीजों की जानें बचाने की क्षमता स्थापित हो रही है। दरअसल ये पूरी कवायद मरीजों के लिए ही की जा रही है। इससे उन्हें ज्यादा परफेक्शन के साथ त्वरित इलाज मिलेगा। यह डॉ. भंडारी दंपत्ति की दूरदर्शिता का ही सुखद परिणाम है कि आज इंदौर में विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवायें मिल रही हैं। उन्होंने करीब चार दशक पहले जो बीजारोपण किया था वह अब वटवृक्ष बनकर फलीभूत हो रहा है और जन-जन (जरूरतमंद मरीजों) को शीतल छाया प्रदान कर रहा है।

ये बात केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अरबिंदो अस्पताल में अत्याधुनिक क्यूविस समग्र ऑटोमेटिक रोबोट एवं डा विन्ची रोबोट की लाँचिंग के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कही। सीपी ऑडीटोरियम में गुरुवार शाम हुए गरिमामय आयोजन में उन्होंने कहा कि समाजसेवा का रास्ता अध्यापक (ज्ञानदाता) और चिकित्सक (जानदाता) ही दिखाते हैं। इस संस्था में दोनों का ही समावेश और संगम है। इसलिये यह संस्था नित्य-निरंतर चहुंमुखी विकास कर रही है और भविष्य में डॉ. मोहित और डॉ. महक भंडारी के संचालन में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना मकाम बनायेगी।

कोरोना काल में सेवाओं के लिए डॉक्टरों का ऋणी है देश

सिंधिया ने कहा कि कोविड के दौरान डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ ने जिस तरह से अपनी जान दाँव पर लगाकर एक-एक मरीज को बचाने की कोशिश की है, उसके लिये देश उनका ऋणी है। मुझे भी कोविड हो गया था। जिसके चलते मैं भी इस बात का गवाह हूँ कि उस दौरान स्वास्थ्यकर्मियों ने कितने विपरीत हालात में अपने फर्ज को अंजाम दिया था।

इंदौरियों के जज्बे का प्रतीक है श्री अरबिंदो समूह

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रदेश सरकार के जल संवर्धन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि जिस तरह इंदौरी बड़ी से बड़ी चुनौती का मुकाबला पूरे हौसले और हिम्मत से करते हैं, उसी प्रकार श्री अरबिंदो समूह ने भी गरीबों और जरूरतमंदों तक बेहतर से बेहतरीन स्वास्थ्य सेवायें पहुंचाने का स्वप्न देखा और उसे साकार किया। इस लिहाज से ये संस्थान हम इंदौरियों के जज्बे का प्रतीक है। कोरोना काल के शुरुआती दौर में जब मुझे इंदौर का प्रभारी बनाया गया था तब पूरे शहर में मुझे डॉ. भंडारी ने ही आशा की किरण दिखाते हुए आश्वस्त किया था कि हम हर हाल में कोरोना के खिलाफ जंग जीतेंगे।

देश भर के डॉक्टरों को सिखाएंगे रोबोटिक सर्जरी

श्री अरबिंदो विश्वविद्यालय की कुलाधिपति डॉ. मंजूश्री भंडारी ने बताया कि श्री अरबिंदो विश्वविद्यालय मध्य भारत का ऐसा पहला चिकित्सा विश्वविद्यालय है जहाँ इन अत्याधुनिक ऑटोमेटिक रोबोटिक सिस्टम की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। फाउंडर चेयरमैन डॉ. विनोद भंडारी ने कहा कि हम इससे शुरुआती 50 आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज निःशुल्क करेंगे। रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र में अपने अनुभव का लाभ पूरे देश के डॉक्टरों को प्रदान करने के लिए हम भारत के तमाम हिस्सों से डॉक्टरों को बुलाकर उन्हें अपने यहाँ ट्रेंड करेंगे। प्रतिकुलाधिपति डॉ. मोहित भंडारी ने आश्वस्त किया कि इन रोबोटिक सुविधाओं का फायदा देश के हर हिस्से के गरीब से गरीब मरीज को मिलेगा। प्रतिकुलाधिपति डॉ. महक भंडारी ने श्री अरबिंदो संस्थान की करीब चार दशकों की विकास यात्रा के साथ-साथ भावी योजनाओं पर भी प्रकाश डाला।

हैंड्सऑन एक्सपीरियंस का प्रदर्शन

कार्यक्रम के दौरान रोबोटिक सिस्टम्स पर हैंड्सऑन एक्सपीरियंस का प्रदर्शन भी किया गया। श्री सिंधिया ने स्वयं दोनों रोबोट्स का निरीक्षण और परीक्षण किया। उल्लेखनीय है कि क्यूविस समग्र ऑटोमेटिक रोबोट का इस्तेमाल हिप एवं घुटना प्रत्यारोपण में तथा डा विन्ची रोबोट का उपयोग गायनिक, किडनी, कैंसर और मोटापे की सर्जरी में किया जायेगा। कार्यक्रम का अत्यंत सधा हुआ संचालन विवि की कुलपति डॉ. ज्योति बिंदल ने किया। आभार डॉ. जयश्री तापड़िया ने माना। इस अवसर पर क्षेत्र के ओजस्वी नेता राजेश सोनकर, विवि के कुलसचिव डॉ. आनंद मिश्रा, डीन आर.आर. वाबरे समेत अनेक गणमान्यजन, फैकल्टीज, डॉक्टर्स और बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स भी मौजूद थे।

ये अहम बाते कही- सिंधिया ने 

  • महिला सशक्तिकरण के इस दौर में जिस क्षेत्र या संस्थान को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी महिलाओं को दी जाती है उसके बढ़ने की संभावना 10 गुना बढ़ जाती है।
  • जिस क्षेत्र में 50 प्रतिशत महिलायें होती हैं उसकी प्रगति सुनिश्चित हो जाती है। मेडिकल क्षेत्र में तो अब पुरुषों से अधिक महिलायें नजर आती हैं। इसलिए इसका निरंतर आगे बढ़ना तय है।
  • श्री अरबिंदो समूह की विकास यात्रा गाथा सुनकर मैं अभिभूत हूँ। मुझे लगता है कि इस तरह हर हाल में अपना लक्ष्य पाने का दृढ़ संकल्प ही इस देश और प्रदेश की विशेषता है। इसके लिए डॉक्टरी भंडारी दंपत्ति को मैं हृदय की गहराइयों से धन्यवाद देता हूं।
  • संसार में हम कितने ही आगे निकल जायें मगर अंत में परवरदिगार (परमात्मा) हमसे यही पूछेगा कि हम कितने अच्छे इंसान बने। इसलिए डॉक्टर भंडारी दंपत्ति की तरह अपने बच्चों को उच्च मूल्यों पर जीना सिखायें और अच्छे इंसान बनायें।