बहरापन, गंभीर उदरसंबंधी रोग, खून के थक्के जमकर उसका गैंगरीन में बदलना, जैसे लक्षण सामान्यतौर पर कोविड मरीजों में नहीं देखे गए थे. अब डॉक्टर भारत में इन बीमारियों को कथित डेल्टा वैरियंट से जोड़ कर देख रहे हैं. इंग्लैंड और स्कॉटलैंड में शुरुआती साक्ष्यों से पता चलता हैं कि इस प्रभावशाली स्ट्रेन की वजह से अस्पताल जाने का खतरा ज्यादा बना रहता है.
डेल्टा जिसे B.1.617.2 के नाम से भी जाना जाता है, इसने पिछले छह महीने में करीब 60 देशों में अपना आतंक फैलाया था. और ऑस्ट्रेलिया से लेकर यू.एस.ए तक संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय यात्रा पर रोक लगाई गई. इसी डेल्टा वेरियेंट की वजह से यू.के सरकार को पिछले महीने अनलॉक की प्रक्रिया को शुरू करने पर दोबारा विचार के लिए मजबूर कर दिया था. इस वेरियंट में दूसरे वेरियंट की तुलना में संक्रमण की तीव्रता, वैक्सीन के असर को कम करना, जैसी तमाम वजहों से समझ में आ रहा है कि इस स्ट्रेन का असर किस हद तक गंभीर हो सकता है.