नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत सरकार की सफलता के 7 वर्ष पूरे होने के साथ साथ प्रधानमंत्री जी के बढ़ संकल्प के परिणामस्वरूप भारत मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। आमजन की आगीदारी देश के विकास में बढ़ रही है और हर व्यक्ति के मन में एक जज्या उत्पन्न हुआ है कि उसे भी अपनी योग्यता, दक्षता, ऊर्जा से देश के लिए कोई ना कोई काम करना चाहिए।
तोमर ने कहा कि हमारे देश में खाद्यान्न की प्रचुरता है. यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के अनुसंधान, किसानों के परिश्रम व सरकार की कृषि हितैषी नीतियों का सद्परिणाम है। हमें दलहन, तिलहन व बागवानी फसलो के क्षेत्र में और काम करने की जरूरत है। दलहन व तिलहन में आत्मनिर्भरता के लिए नई नीति आएंगी। प्रधानमंत्री जी ने इस बात पर बल दिया है। उनका कहना है कि आयात पर हमारी निर्भरता कम हो तथा हम कृषि उत्पादों का निर्यात ज्यादा से ज्यादा बढ़ाएं। यौजों की नई किस्मों का इसमें विशेष योगदान होगा।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने यह बात सोमवार को आईसीएआर की उपलब्धियों, प्रकाशनों, जई कृषि प्रौद्योगिकियों एवं कृषि फसलों की नई किस्मों की लाचिंग तथा ‘कृतज्ञ” (KRITAGYA) हैकाथॉन के विजेताओं को पुरस्कार वितरण के कार्यक्रम में कही। ‘कृतज्ञ’ में प्रतियोगियों ने कृषि व सम्बद्ध क्षेत्रों के लिए एक से बढ़कर एक उपयोगी संरचनाएं सृजित कर अपनी योग्यता व क्षमता को साबित किया है।
तोमर ने आईसीएआर की तारीफ करते हुए कहा कि उसके वैज्ञानिक समग्रता से विचार कर रहे हैं कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों, वर्षा आधारित खेती वाले क्षेत्रों व अन्य प्रतिकूल परिस्थितियों से हमारे बीज सामना कर सकें तथा किसानों की आय बढ़ा सकें एवं उत्पादन व उत्पादकता को भी बढ़ाया जासकें। फसल डायवर्सिफिकेशन का भी विषय विदयमान है, सरकार इस दिशा में बहुत तेजी के साथ काम कर रही है। कृषि व सम्बद्ध अधिकांश क्षेत्रों में दुनिया में भारत पहाने या दूसरे नंबर पर है, गर्व है कि प्रधानमंत्री जी का चिंतन हमें इस ओर आगे बढ़ने के लिए तेजी से प्रवृत कर रहा है और किसान भी पूरी उत्सुकता से काम कर रहे हैं।
उन्होने कहा कि ‘कृतज्ञ’ हैकार्थान में जिस तरह से अच्छे से अच्छे आविष्कार पेश किए गए हैं, उसे देखते हुए विश्वासपूर्वक कहा जा सकता है कि हिंदुस्तान के नागरिकों में बड़ी से बड़ी परिस्थितियों का सामना करने व उनमें विजयी प्राप्त करने का सामर्थ्य है, यहीं भारत वर्ष की सबसे बड़ी पूंजी व ताकत है। कृषि का क्षेत्र अग्रणी भूमिका निभा सके, इसमे आईसीएआर से संबंधित वैज्ञानिकगण, अनुसंधान केंद्र, त्रि.वि., प्राच. नई तकनीक, नए बीजों की किस्में ईजाद करने का निश्चित रूप से बहुत बड़ा महत्व है। इस दिशा में आईसीएआर जिम्मेदारी के साथ काम कर रहा है, यह प्रसन्नता व संतोष का विषय है। उन्होंने इसके लिए देशभर के संस्थानों की टीमों व केवीके की टीमों को बधाई व शुभकामाएं दी।