MP News: भारत में जल्द ही नए संसद भवन का निर्माण होने जा रहा है जिस का डिजाइन भी सामने आ चुका है। बता दें कि यहां संसद भवन अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस होने वाला है। जिसे काफी आलीशान तरीके से बनाया जाएगा। जिसकी लागत भी काफी ज्यादा रहने वाली है। जिसको लेकर सारी रूप रेखा तैयार कर ली गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं।
भारत में बनने वाला नया संसद भवन का स्ट्रक्चर मध्यप्रदेश के इस मंदिर से काफी हद तक मेल खाता है। इतना ही नहीं खबरों के अनुसार पहले से जो संसद भवन भारत में मौजूद है उसका स्ट्रक्चर भी मध्यप्रदेश में मौजूद एक मंदिर के आकार का ही दिखाई देता है, जिसकी तस्वीरें सामने आ चुकी है। यह मंदिर प्रदेश के मुरैना में स्थिति हैं। जिसे चौसठ योगिनी मंदिर के नाम से जाना जाता है।
गौरतलब है कि जिसे ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस द्वारा निर्मित किया गया था। लेकिन अब जब नए संसद भवन निर्माण की बात हो रही है तो इस दौरान भी मध्यप्रदेश में मौजूद एक मंदिर की चर्चा हो रही है। जिसका स्ट्रक्चर भी नए संसद भवन की तरह ही दिखाई देता है। जो कि प्रदेश के विदिशा में मौजूद है जिसे विजय मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां मंदिर काफी ज्यादा प्राचीन है और देखने में भी बहुत बड़ा है।
भारत की पुरानी संसद का डिजाइन मध्य प्रदेश के चौसठ योगिनी मंदिर के आधार किया गया था।
इसी तरह भारत की नई संसद का डिजाइन भी मध्य प्रदेश के विदिशा के "विजय सूर्य मंदिर" के मॉडल पर तैयार किया गया है।
भाजपा है तो भारत की विरासत है।
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— Dr.Hitesh Bajpai MBBS (@drhiteshbajpai) May 19, 2023
लेकिन जब इसे ऊपर से देखा जाता है तो इसका स्ट्रक्चर पूरी तरह से नए संसद के रूप में दिखाई देता है। खबरों के अनुसार यहां मंदिर काफी ज्यादा पुराना है। जानकारों के अनुसार इसका निर्माण विदिशा में चालुक्यवंशी राजा ने सूर्य मंदिर के रूप में करवाया था। लेकिन इसके बाद भी इस मंदिर पर लगातार हमले हुए और निर्माण हुआ और 11वीं शताब्दी में परमार राजाओं ने यहां पर इसका पुनर्निर्माण किया था।
वहीं बताया जाता है कि औरंगजेब ने इस मंदिर आक्रमण करते हुए इसे ध्वस्त कर दिया और बाद में मराठा राजाओ ने इस का पुनर्निर्माण किया था। विजय मंदिर पर कई बार आक्रमण हुए हैं। लेकिन हर बार इसे नए रूप में बनाया गया है। मंदिर की स्थिति और इसके निर्माण को ही देखकर पता लगाया जा सकता है कि यहां कितना प्राचीन है। लेकिन जब से इसकी तस्वीर सामने आई है कि तुलना नए संसद भवन के स्ट्रक्चर से की जा रही है।
विजय मंदिर का प्राचीन और विशालकाय मंदिरों में शुमार है जिसे देखने पर आप खुद समझ सकते हैं कि नए संसद भवन और इस मंदिर में कितनी सारी चीजें एक समान दिखाई देती है। यही कारण है कि जब से इस मंदिर की तस्वीरें सामने आई है नए संसद भवन के निर्माण से से जोड़ा जा रहा है। हालांकि अभी सरकार की तरफ से ऐसी कोई पुष्टि नहीं की गई है कि नए संसद भवन का स्ट्रक्चर विजय मंदिर के तर्ज पर लिया गया है लेकिन तस्वीर काफी हद तक चीजें बयां कर रही है।