दिल्ली में बड़ रहें कोरोना के मामलें में नया खुलासा, ये बड़ी लापरवाही आई सामने

Share on:

देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहें हैं। अस्पताल में भार्ती मरीजों में देखने को मिला हैै कि 90 प्रतिशत लोगों ने कोरोना वैक्सीन की सिर्फ दो डोस ही लगवाई हैं। वहीं बुस्टर डोस 10 फीसदी ही लोगों ने लगवाई हैं। इसकी वजह से राजधानी में कोरोना के मरीजों में लगातार बढ़ोतरी हो रहीं हैं।

भारत में बीते 24 घंटे में 9,062 केस मिले हैं। वहीं, 15,220 लोग ठीक हुए हैं। एक्टिव केस कम होकर 1,05,058 रह गए हैं। डेली पॉजिटिविटी रेट भी 2.49% रह गया है, जहां देश में डेली पॉजिटिविटी रेट घटा है। वहीं, दिल्ली में यह बढ़कर 20% के करीब पहुंच गया है।

राजधानी दिल्ली में बीते 24 घंटे में 917 केस मिले हैं। यहां 4775 लोगों का टेस्ट किया गया था। राजधानी में 1566 मरीज ठीक हुए हैं। वहीं, 3 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। यहां 5000 से ज्यादा मरीज होम आइसोलेशन में हैं, जबकि 563 लोग अस्पताल में भर्ती हैं।

Also Read : मध्यप्रदेश के इन पिकनिक स्पॉट्स को 15 दिन के लिए किया गया बंद, देखे कोन सी जगह है शामिल

डिप्टी सीएम मनीष ने स्वास्थ्य विभाग की बैठक में ये कहा

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान बैठक में मौजूद मुख्य सचिव नरेश कुमार ने जिलाधिकारियों को मेट्रो स्टेशन, बाजार, मॉल, जैसी भीड़-भाड़ वाली जगहों पर लगाए जाने वाले वैक्सीनेशन कैंप की स्थिति जानने के लिए ग्राउंड पर जाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, अब लोगों में लापरवाही देखने को भी मिल रही है और ये देखा गया है कि बहुत से लोग बूस्टर डोज नहीं ले रहे है। लेकिन अस्पतालों में भर्ती होने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या से पता चला है कि तीसरी डोज लगाने वाले लोग कोरोना के संक्रमण से ज्यादा सुरक्षित हैं।

जिन लोगों ने अभी तक वैक्सीन नहीं ली है या सिर्फ पहली या दूसरी डोज ही ली है, उन सभी को जल्द से जल्द अपने नजदीकी स्वास्थ्य सुविधा केंद्र में जाकर वैक्सीन लगवाना चाहिए। कोरोना के प्रसार को रोकने के प्रीकॉशनरी डोज लगाना जरूरी है। घर से बाहर निकलते वक्त मास्क पहनकर निकलें, इससे ज़्यादातर मामलों को रोका जा सकता है।

सरकार के मुताबिक, अस्पताल में भर्ती होने वाले 90% कोरोना संक्रमित मरीज ऐसे हैं, जिन्होंने वैक्सीने की सिर्फ दो डोज ली हैं। वहीं, 10% मरीज ही वैक्सीन की तीसरी डोज के बाद कोरोना संक्रमित हुए, इससे ये बात साफ है कि बूस्टर डोज लगने के बाद सुरक्षा और बढ़ जाती है।