मध्य प्रदेश के देवास जिले के नेमावर में आदिवासी परिवार के 5 लोगों की हत्या का मामला काफी गरमाया हुआ था। लेकिन आज आरोपियों पर प्रशासन का हथौड़ा चल निकला है। वहीं आज आरोपियों के मकान और दुकानों को तोड़ दिया गया हैं। बस स्टैंड के पास स्थित वार्ड क्रमांक 10 में मुख्य आरोपी सुरेंद्र और उसके भाई वीरेंद्र चौहान के मकान और दुकानों पर प्रशासनिक अमला कार्रवाई के दौरान पुलिस अफसर और जवानों की मौजूदगी में मकान और दुकानें तोड़ दी गई हैं।
वहीं वार्ड क्रमांक 14 खाईपार नेमावर में स्थित दूसरे आरोपी विवेक तिवारी के पुश्तैनी मकान को भी गिरा दिया गया। कार्रवाई के दौरान कलेक्टरसहित बड़ी संख्या में पुलिस मौजूद थी। गुरुवार को पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय में पेश किया था। न्यायालय ने सुरेंद्र सिंह राजपूत, राकेश निमोरे और करण कोरकू को 3 जुलाई तक के लिए पुलिस रिमांड दिया है। वहीं, वीरेंद्र राजपूत, विवेक तिवारी, राजकुमार, मनोज कोरकू को जेल भेज दिया।
बता दें कि 13 मई की रात ममताबाई कास्ते, रूपाली कास्ते, दिव्या कास्ते, पूजा और पवन की हत्या कर शव को दफना दिया गया था। वही मुख्य आरोपी सुरेंद्र राजपूत का रूपाली कास्ते से अफेयर था। जिसकी वजह से रूपाली, सुरेंद्र से शादी करना चाहती थी और सुरेंद्र की दूसरी जगह शादी तय हो गई थी। ऐसे में इस बात से नाराज रूपाली ने सुरेंद्र की मंगेतर पर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी। जिससे गुस्से में आ कर सुरेंद्र ने रूपाली समेत उसके पूरे परिवार की हत्या कर दी। सुरेंद्र के साथ इस हत्या में उसके भाई वीरेंद्र, दो नौकर मनोज और करण, दो दोस्त राकेश निमौर और विवेक तिवारी पर भी शामिल होने का आरोप है।