नवरात्रि का त्यौहार पूरे नौ दिनों तक मनाया जाता हैं। इस पर्व को सबसे ज्यादा पावन पर्व माना जाता है। हिन्दू मान्यताओं में इस नवरात्रि का काफी महत्त्व है। इस दौरान सभी शुभ काम किए जाते हैं जो आगे जाकर हमे लाभ दें। साथ ही नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पुजा की जाती हैं। भक्त इन नौ दिनों मां के लिए व्रत भी रखते है। इस साल शारदीय नवरात्रि अक्टूबर की 17 तारीख से शुरू होने जा रही है। जो की 25 अक्टूबर तक रहेंगी।
ऐसे में जो माँ के भक्त सच्चे मन से इन नौ दिनों में माँ के अलग अलग स्वरुप की पुजा करते हैं उनकी सारी मनोकामना पूर्ण होती है। आज हम आपको नवरात्रि के सातवें दिन होने वाली कालरात्रि की पूजा और आरती के बारे में बताने जा रहे है। उनकी पूजा में यह आरती गाना खूब शुभ मना जाता है। इस आरती को सुन मां काफी प्रसन्न होती है। कहते हैं कि माँ को खुश करने के लिए इस आरती का गाना जरुरी है। तो चलिए जानते है इस आरती के बारे में –
ये है मां कालरात्रि को प्रसन्न करने की आरती –
कालरात्रि जय-जय-महाकाली,
काल के मुह से बचाने वाली,
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा,
महाचंडी तेरा अवतार..
पृथ्वी और आकाश पे सारा,
महाकाली है तेरा पसारा..
खडग खप्पर रखने वाली,
दुष्टों का लहू चखने वाली..
कलकत्ता स्थान तुम्हारा,
सब जगह देखूं तेरा नजारा..
सभी देवता सब नर-नारी,
गावें स्तुति सभी तुम्हारी..
रक्तदंता और अन्नपूर्णा,
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना..
ना कोई चिंता रहे बीमारी,
ना कोई गम ना संकट भारी..
उस पर कभी कष्ट ना आवें,
महाकाली माँ जिसे बचाबे..
तू भी भक्त प्रेम से कह,
कालरात्रि माँ तेरी जय..