हिंदी में सरकारी कामकाज करना राष्ट्रीय उत्तरदायित्व

mukti_gupta
Published on:

हरेराम वाजपेई। हर स्वतंत्र देश अपने देश में सरकारी कामकाज जनता को बेहतर सेवा देने के लिए अपनी ही भाषा में करता है और प्रगति के सोपानो को प्राप्त करता है भारत ने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हिंदी को राजभाषा के रूप में संवैधानिक पद प्रदान किया अत,,भारत सरकार के समस्त कार्यालयों उपक्रमों बैंकों और निगमों में हिंदी में काम काज करना कर्मचारियों द्वारा राष्ट्रीय उत्तरदायित्व का निर्वाह करना है।

उपर्युक्त उद्बोधन सेवानिवृत्त राजभाषा अधिकारी एवं साहित्यकार हरेराम वाजपेई ने शुक्रवार को भारतीय कपास निगम के इंदौर कार्यालय में आयोजित हिंदी कार्यशाला में व्यक्त किए। वाजपेई ने इस अवसर पर कार्यशाला ओं का महत्व राजभाषा नियम अधिनियम तथा हिंदी में कार्य करने से सेवाएं बेहतर होती है पर प्रकाश डालते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी की क्या स्थिति है इस पर भी प्रकाश डाला।

Also Read : इंदौर क्राइम ब्रांच ने ऑनलाईन ठगी की 9 शिकायतों पर की त्वरित कार्यवाही, आवेदकों के 3 लाख से ज्यादा रूपये वापस

कार्यशाला में निगम के सहायक महाप्रबंधक अभिजीत शर्मा ने स्वागत करते हुए संस्था द्वारा हिंदी में किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। विभाग प्रभारी सुबोध सांवले ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर अरुण शर्मा उप प्रबंधक आनंद भट्टाचार्य सहायक प्रबंधक एवं कार्यालय के संवर्ग कर्मचारियों ने हिंदी कार्यशाला में भाग लिया और उन्होंने अतिथि वक्ता के उद्बोधन को सराहा तथा लाभदाई बताया।