देश भर में आज ‘नेशनल डॉक्टर्स डे’ मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर आज लोग डॉक्टर्स को सैल्यूट कर रहे है। साथ ही आज इस खास मौके पर कई सेलेब्स ने भी डॉक्टरों को सैल्यूट किया है। बता दे, इस दौरान सोनू सूद, शिल्पा शेट्टी, रवीना टंडन, सोनाक्षी सिन्हा, श्रुति हासन और दिव्या दत्ता ने डॉक्टरों को खास अंदाज में सैल्यूट किया है। उन्होंने डॉक्टरों और हेल्थकेयर फ्रंटलाइन वर्कर्स को असली सुपरहीरो भी बताया है।
सोनू सूद ने कहा है कि डॉक्टर्स ही असली हीरो हैं। पहली और फिर दूसरी कोरोना लहर में उन्होंने साबित कर दिया कि वे सेना के अधिकारियों की तरह अग्रिम पंक्ति के नायक थे, जिन्होंने हजारों लोगों की जान बचाई। इस देश और दुनिया भर में प्रत्येक व्यक्ति को अपने परिवारों की रक्षा और सुरक्षा के लिए डॉक्टरों का आभारी होना चाहिए।
शिल्पा शेट्टी ने कहा है कि न केवल आज, बल्कि हर दिन हमें सभी डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को उनकी भावना और निस्वार्थ देखभाल के लिए मनाना चाहिए। डॉक्टरों ने पिछले डेढ़ साल में जितनी मेहनत और बलिदान दिया है, उसे बयां करने की ताकत किसी शब्द में नहीं है। दुनिया को बचाने के लिए बिना शर्त अपनी जान जोखिम में डालने के लिए मैं वाइट कोट वॉरियर्स को सलाम करती हूं। आपकी निस्वार्थ और अथक सेवाओं के लिए धन्यवाद।
रवीना टंडन ने कहा है कि इस कठिन समय में डॉक्टर मानव जाति के रक्षक रहे हैं। चारों ओर इतनी पीड़ा के बीच वही थे, जिन्होंने लोगों की मदद करने के लिए वो सब कुछ किया जो वे कर सकते थे। हमारे डॉक्टर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स ही असली सुपरहीरो हैं। मैं उन्हें नमन करती हूं और उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए दिल की गहराइयों से धन्यवाद देती हूं।
सोनाक्षी सिन्हा ने कहा है कि हमारे डॉक्टर और हेल्थकेयर वर्कर्स ही असली हीरो हैं, जिन्होंने इस महामारी से लगातार संघर्ष किया है और हम सभी की रक्षा की है। वे बेजोड़ करुणा के साथ कोरोना से युद्ध लड़ रहे हैं और हम सभी के भीतर लगातार आशा का संचार कर रहे हैं। मैं उनमें से प्रत्येक को निस्वार्थ रूप से मानवता के प्रति काम करने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं, अपनी जान जोखिम में डालकर जान बचाना कोई मजाक नहीं है। मैं उन सभी को सलाम करती हूं, जिन्होंने हमारे लिए ऐसा किया है।”
श्रुति हासन ने कहा है कि मैं सिर्फ हमारे डॉक्टरों को धन्यवाद कहना चाहती हूं। कोरोना के इस समय में जिस भावनात्मक, शारीरिक और मानसिक तनाव से वे गुजरे हैं, मुझे नहीं लगता कि उसका दो प्रतिशत भी हम जानते होंगे। मैंने कोविड -19 के कारण एक बहुत प्रिय मित्र खो दिया है और मैं उन लोगों को जानती हूं जो वहां प्रभावित लोगों की देखभाल कर रहे थे। यह आसान नहीं है और मैं सोच भी नहीं सकती कि यह डॉक्टरों के लिए कैसा होगा। वे बस भावना और दृढ़ संकल्प के साथ काम करते रहते हैं। वे सिर्फ इतना कहते हैं कि हम अपना काम कर रहे हैं, लेकिन यह उससे कहीं ज्यादा है।
दिव्या दत्ता ने कहा है कि हमारे सबसे बड़े फ्रंटलाइन वर्कर्स, हमारे डॉक्टरों को सिर्फ धन्यवाद देना कभी भी पर्याप्त नहीं होगा। जिन्होंने हमारे लिए अपने जीवन और अपने परिवारों को कुर्बान कर दिया। यह सोचना भी डरावना है कि अगर वे हमारे लिए नहीं होते तो क्या होता। पीपीई किट में 24/7 रहना, लोगों की देखभाल करना, लोगों की जान बचाना, यह एक बहुत बड़ा काम है और उन्हें धन्यवाद देने के लिए शब्द पर्याप्त नहीं होंगे। मैं डॉक्टरों का बहुत सम्मान करती हूं। मेरा पालन-पोषण डॉक्टरों के परिवार में हुआ है और इसलिए मैं उनके प्रति कृतज्ञता और श्रद्धांजलि देती हूं।