नासा (NASA), अमेरिका की स्पेस एजेंसी ने चंद्रमा की सतह पर रूस के लूना-25 मिशन की क्रैश लैंडिंग स्थल की पहचान कर ली है। उनके अनुसार, यह स्थल 10 मीटर चौड़ा गड्ढा है जहां यान टकराया था।
नासा के लूनर रिकोन्सेंस ऑर्बिटर (LRO) की महत्वपूर्ण भूमिका
नासा के लूनर रिकोन्सेंस ऑर्बिटर (LRO) अंतरिक्ष यान ने 24 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर एक नया गड्ढा देखा था, जो लूना-25 मिशन के अनुमानित इम्पैक्ट पॉइंट के करीब है। इस आधार पर, LRO टीम ने निष्कर्ष निकाला है कि यह गड्ढा प्राकृतिक प्रभाव की बजाय लूना-25 मिशन के अपशिष्टों से हो सकता है।
लूना-25 का मिशन
11 अगस्त को रूस के लूना-25 को सोयूज 2.1बी रॉकेट के माध्यम से वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लॉन्च किया गया था। ऑर्बिट से उतरकर यह मिशन चंद्रमा की सतह पर नमूने लेने का है और इसका मुख्य उद्देश्य चंद्रमा पर पानी की खोज करना है।
इस मिशन के बाद अब लूना-25 के क्रैश होने की जांच की जा रही है।स्पेसक्राफ्ट 16 अगस्त को दोपहर 2:27 बजे चांद की 100 किलोमीटर की ऑर्बिट में पहुंच गया था।