भोपाल – 13 अक्टूबर 2020
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि शिवराज जी व भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है इसीलिए वह चुनाव को विकास के मुद्दों की बजाय भावनात्मक मुद्दों पर ले जाना चाहते हैं।एक बयान को भाजपा व शिवराज मुद्दा बनाने का काम कर रहे हैं और चुनाव को उस ओर मोड़ने का प्रयास कर रहे हैं , तो वह यह जान ले प्रदेश की जनता बहुत समझदार है और भाजपा की इस घृणित राजनीति को भलीभांति समझती है व चुनाव में इसका भाजपा को कड़ा जवाब भी देगी।
सलूजा ने बताया कि शिवराज जी निरंतर कभी अपनी सभाओं में हाथ जोड़ घुटने के बल बैठ जाते हैं ,कभी जनता को भगवान और खुद को पुजारी बताने लग जाते है , कभी अन्य किसी भावनात्मक मुद्दों को सामने ले आते हैं लेकिन वह अपने 15 वर्ष पर ना बात करने को तैयार है और ना हिसाब देने को।
अब वह कह रहे हैं क्या गरीब होना गुनाह है तो कांग्रेस भी कहती है गरीब होना
गुनाह नहीं है –
- गरीबों के नाम पर बनी संबल योजना में भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा करना गुनाह है।
- गरीबों को जानवरों के खाने लायक चावल वितरण करना गुनाह है।
- गरीबों को मिलने वाले राशन में हेराफेरी करना गुनाह है।
- गरीब किसानों की कर्ज माफी को पाप बताना और रोकना गुनाह है।
- कोरोना काल में गरीबों को दिए जाने वाले आटे में हेराफेरी करना गुनाह है।
- गरीब प्रवासी मजदूरों के नाम पर परिवहन घोटाला करना गुनाह है।
सलूजा ने बताया कि जो लोग आज खुद को गरीब बता रहे हैं भूखा- नंगा बता रहे हैं उन्होंने तो 15 वर्ष प्रदेश की जनता को लूट-लूट कर खुद को तो भला-चंगा बना लिया और जनता को गरीब और भूखा ही छोड़ दिया है , यह इनकी असलियत व सच्चाई है।
यह जो खुद को आज गरीब बता रहे हैं वह जवाब दें –
-20 वर्ष पूर्व चुनाव के दौरान घोषित इन ग़रीबों की संपत्ति और आज की उनकी घोषित संपत्ति में इतना बड़ा अंतर कैसे आया ?
- क्या गरीब व्यक्ति विधायकों को 35- 35 करोड़ में खरीद सकता है ?
- क्या गरीब व्यक्ति सौदेबाजी से प्रदेश में एक चुनी हुई सरकार को गिरा सकता है ?
- क्या गरीब व्यक्ति घर में नोट गिनने की मशीन रखता है ?
- क्या गरीब व्यक्ति इतना विशाल व आलीशान डेयरी फार्म बना सकता है ?
- जिस व्यक्ति को दूध की डेरी ,फूलों की दुकान ,अनार की खेती से लाखों रुपए की कमाई होती हो , वह गरीब कैसे ?
- जो व्यक्ति कुछ समय पूर्व खुद को पाँव-पाँव वाले भैया कहलवाते थे ,वह आज हेलीकॉप्टर से नीचे नहीं उतरते हैं , वह गरीब कैसे ?
यदि इन्होंने 15 वर्ष ग़रीबों की भलाई के लिये कार्य किया होता तो प्रदेश में इतनी बड़ी संख्या में मज़दूरों का आँकड़ा सामने नहीं आता और प्रदेश देश का चौथे नंबर का सबसे ग़रीब राज्य ना होता ?