राजेश राठौर
भाजपा सांसद नंदकुमारसिंह चौहान केंद्रीय मंत्री बनना चाहते थे। पार्टी ने मध्यप्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया था। निमाड़ की राजनीति में भाजपा का बड़ा चेहरा थे। नंदू भैया सबसे पहले जिला पंचायत अध्यक्ष बने, दो बार विधायक और फिर लगातार सांसद रहे।
प्रदेश अध्यक्ष रहते दौरा करने के मामले में अव्वल रहे। व्यवहार कुशल और सादगी पसंद थे। खंडवा के शाहपुर में जन्मे आम परिवार के नंदू भैया गरीबों के चहेते थे। उनकी सादगी के कायल थे। नंदू भैया से पूछा था कि आपको पार्टी ने मंत्री क्यों नहीं बनाया, तो वे कहने लगे कि मैं किससे जाकर बोलूं कि मुझे मंत्री बना दो। मंत्री बनना किसको अच्छा नहीं लगता। आप सरकार यानी शिवराजसिंह चौहान हैं? तो कहने लगे कि क्या झगड़ा करूं, संगठन ने ही तो शिवराज को मुख्यमंत्री बनाया है। यदि दो बड़े नेताओं में तालमेल रहता है, तो क्या दिक्कत है। मैं संगठन का काम करता हूं, वे सरकार का। फिर किस बात का झगड़ा। कार्यकर्ताओं की बात उन तक पहुंचा देता हूं। पार्टी ने मुझे संगठन चलाने के लिए अध्यक्ष बनाया है, मुख्यमंत्री से झगड़ा करने के लिए नहीं।
आम तौर पर उनका किसी से झगड़ा नहीं होता था, लेकिन खंडवा की राजनीति में अर्चना चिटणिस से कभी पटरी नहीं बैठी। प्रदेश अध्यक्ष रहते उनसे पूछा कि चिटणिस को मंत्री बना रहे हैं, तो बोले कि बना दो, उनको फोन करके बधाई दे देता हूं। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद 11 फरवरी को भोपाल के अस्पताल में भर्ती हुए नंदू भैया की हालत बिगड़ती जा रही थी। फेफड़ों में इंफेक्शन ज्यादा होने के कारण उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भी भर्ती कराया था। एक महीने तक दिल्ली में इलाज चला। आज सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली।
पितृ पर्वत पर हुआ था हनुमान चालीसा पाठ-कोरोना महामारी के डरावने दौर में लोगों को फोन लगा कर चेताया कि जितना बच सकें, बचो। यह सीख देने वाले खंडवा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान खुद भी चपेट में आ गए थे। परसों जब पितृ पर्वत पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पहुंचे थे तो उन्होंने चौहान की बेहतर सेहत के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करवाया। सुनील पुरोहित ने बताया कि कोरोना के शुरुआती दौर से ही सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने कई कार्यकर्ता और नेताओं को खुद फोन लगाते हुए कहा था कि बीमारी गंभीर है, इसे हल्के में न लें। वे खुद काफी एहतियात बरत रहे थे, लेकिन चपेट में आ गए।