धर्मनगरी उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के ऊपरी तल पर बने नागचंदेश्वर मंदिर के पट एक साल के बाद आज रात मध्यरात्रि 12 बजे खुलेंगे। दरअसल, कल नागपंचमी है। ऐसे में वर्ष में केवल एक बार ही नागपंचमी के दिन खुलने वाले मंदिर में विराजित भगवान नागचंद्रेश्वर की पूजा महानिर्वाणी अखाड़े के साधु-संतों द्वारा की जाती है। कल भी की जाएगी।
इस साल कोरोना को देखते हुए प्रशासन ने मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। ऐसे में भक्त कल मंदिर में जाकर भगवन के दर्शन नहीं कर पाएंगे। भक्त कल के दिन घर बैठे वेबसाइट पर ऑनलाइन दर्शन कर सकेंगे। साथ ही मंदिर के कार्तिकेय मंडपम् और महाकालेश्वर मंदिर के पीछे स्थित हरसिद्धि चौराहा पर मेगा स्क्रीन भी लगाई जाएगी। जिसमें भगवन के दर्शन किए जा सकेंगे। नागपंचमी के दिन भगवान महाकालेश्वर के दर्शन के लिए प्री-बुकिंग जरूरी होगी।
मंदिर के शीर्ष पर विराजित हैं भगवान नागचंद्रेश्वर –
आपको बता दे, महाकाल मंदिर तीन तल में बना हुआ है। सबसे पहले गर्भगृह अर्थात सबसे नीचे वाले तल में भगवान महाकालेश्वर विराजित हैं। उसके बाद प्रथम तल पर भगवान ओंकारेश्वर तथा शीर्ष पर भगवान नागचंद्रेश्वर विराजित हैं। ऐसे में नागचंद्रेश्वर मंदिर के अग्रभाग में भगवान शिव-पार्वती की शेषनाग पर विराजित अद्भुत मूर्ति स्थापित है।मान्यताओं के मुताबिक, ये 11वीं शताब्दी की परमार कालीन मूर्ति है। इस मूर्ति को नेपाल से यहां लाया गया था। नागपंचमी पर इसी मूर्ति के दर्शन के बाद भक्त नागचंद्रेश्वर महादेव के दर्शन करते हैं। वर्षभर यह मूर्ति पर्दे से ढंकी रहती है।
कोरोना संक्रमण के चलते नागपंचमी पर नागचंद्रेश्वर मंदिर में भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन आनलाइन होंगे। देश-विदेश में रहने वाले भक्त मंदिर की वेबसाइट पर लाइव दर्शन कर सकेंगे।
– आशीष सिंह, कलेक्टर, उज्जैन