नगर निगम का नाला टेपिंग अभियान एक बार फिर शहर के एक डेढ़ सौ साल पुराने स्थान की सूरत बदलने में कारगर सिद्ध हुआ है। यह स्थान है पंचकुइया घाट। नगर निगम ने इस क्षेत्र में बहने वाले नाले के सभी आउट फॉल को ड्रेनेज लाइन डालकर बंद कर दिया है। अब इस नाले में गंदा बदबूदार पानी नहीं बहता है। इस नाले को पूरी तरह सुखा दिया गया है। इस नाले में जमी गाद को निकालने पर यहां पत्थरों से बना सुंदर नदी का घाट नजर आने लगा है। इसके पास ही पांच छोटी-छोटी कुइयां भी मिली हैं। जिससे इस क्षेत्र का नाम पंचकुइया पड़ा है।
इस घाट के समीप ही बने आश्रम में रहने वाले संत महामंडलेश्वर लक्ष्मण दास जी महाराज कहते हैं कि इस घाट को डेढ़ सौ साल पहले उनके आश्रम के प्रथम गुरु ने बनवाया था। इसके सबूत आज भी घाट पर मौजूद है। उन्होंने बताया कि यहां 5 अलग-अलग कुइयां थी जिनके पानी से नहाने से विभिन्न तरह की बीमारियां दूर हो जाती थी। उन्होंने बताया कि यहां तीन अलग-अलग घाट बनाए गए थे एक घाट में सिर्फ संत महात्मा स्नान करते थे।
दूसरे घाट में आम लोग स्नान करते थे जबकि प्रथम घाट से भगवान की मूर्तियों को नहलाने के लिए और रसोई के लिए पानी लिया जाता था। लक्ष्मण दास जी महाराज ने बताया कि पिछले दिनों कलेक्टर मनीष सिंह और नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने इस क्षेत्र का दौरा किया था और उसके बाद ही इस क्षेत्र को सजाने संवारने का काम प्रारंभ किया गया है। लक्ष्मण दास महाराज ने कहा कि इस क्षेत्र के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक वैभव को वापस लौटाने में कलेक्टर मनीष सिंह निगम आयुक्त प्रतिभा पाल की महती भूमिका है।
नाले में फुटबॉल खेलने की तैयारी –
बताया जाता है कि नगर निगम इस क्षेत्र के नाले को समतल कर यहां फुटबॉल मैदान तैयार कर रहा है। पिछले दिनों जिस तरह मूसाखेड़ी क्षेत्र में नाले में क्रिकेट खेल कर इतिहास रचा गया था उसी तरह इस क्षेत्र में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच फुटबॉल मैच आयोजित करने की तैयारियां चल रही हैं। बताया जाता है कि क्षेत्र का सौन्दर्यीकरण होने के बाद मुख्यमंत्री के हाथों लोकार्पण कराने की भी तैयारियां चल रही हैं।