योगी के CM बनते ही मुनव्वर राणा हुए बीमार, बेटी उरूसा ने भी डुबाया नाम, NOTA से भी कम मिले वोट

Piru lal kumbhkaar
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उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव 2022 के रुझानों ने राजनीति में हलचल पैदा कर दी हैं। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश में 403 विधानसभा सीटों के रुझान में भाजपा बहुमत के आंकड़ें से कई ज्यादा सीटों पर कब्जा जमा चुकी हैं।

खबर हैं कि बीजेपी 260+ सीटों पर बढ़त बना चुकी हैं। यूपी में योगी आदित्यनाथ और नरेंद्र मोदी की तथाकथित डबल इंजन की सरकार ने अखिलेश यादव समेत विरोधियों को धूल चटा दी हैं। अखिलेश की सपा रुझानों में 130+ सीटों पर आगे चल रही हैं। अगर बीजेपी UP में सरकार बनाने में कामयाब हुई तो यह अपने आप मे एक इतिहास होगा। क्योंकि पिछले कई सालों से वहां कोई भी पार्टी दूसरी बार सत्ता में नहीं आई हैं। ऐसे में बीजेपी योगी जी और मोदी जी के नेतृत्व में ये कारनामा करने के बेहद ही नजदीक पहुंच गई हैं।

वहीं अब योगी जी के दुबारा उत्तरप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने की सुर्ख़ियों के बीच प्रसिद्ध उर्दू शायर मुनव्वर राणा(Munavwar Rana) भी खासा चर्चा में आ गए हैं। दरअसल उन्होंने चुनाव से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दुबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद UP छोड़ने की बात कही थी। जिससे अब उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा हैं। हालांकि मुनव्वर राणा(Munavwar Rana) मीडिया के सामने आने से बचते हुए दिख रहें हैं। कहा जा रहा हैं कि वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहें है। और मीडिया से बात करने की स्थिति में नहीं हैं।

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लेकिन दूसरी तरफ प्रशासन ने मुनव्वर राणा के घर के बाहर सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया हैं। UP की राजधानी लखनऊ में रहने वाले शायर हमेशा से योगी जी के खिलाफ मुखर आवाज उठाते रहते हैं। और हमेशा विवादित बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में रहते हैं। इसी के चलते अब उनके घर के बाहर अतिरिक्त पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गई हैं। वहीं खबर के मुताबिक़ मुनव्वर राणा की कॉलोनी के गेट को भी आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया हैं।

वहीं पुरवा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की प्रत्याशी(Congress candidate from Purva assembly constituency) उरूसा इमरान राना(Urusa Imran Rana), जो मुनव्वर राणा की बेटी हैं, को क्षेत्र की जनता ने नकार दिया हैं। खबर हैं कि उन्हें अब तक जितने भी वोट मिले हैं उससे ज्यादा वोट तो लोगों ने नोटा में डाल दिए। यानी उरूसा इमरान राना को नोटा से भी कम वोट(Urusa Imran Rana gets less votes than NOTA) मिलें हैं। जिससे वो वोटों के मामलें में पाँचवें नंबर पर आ गई हैं। उरूसा के यहां से जीतने का चांस न के बराबर हैं।