Mumbai: स्पाइस मनी ने भारत में 1 लाख माइक्रो-एटीएम का नेटवर्क किया स्थापित

Ayushi
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मुंबई : भारत का प्रमुख रूरल फिनटेक स्पाइस मनी ग्रामीण लोगों की आर्थिक आजादी को बढ़ावा दे रहा है। इसके लि‪ये वह भारत में आर्थिक और डिजिटल समावेशन लाने के मिशन पर है। इस मिशन को और गति देने के सफर में, स्पाइस मनी ने आज यह घोषणा की है कि उसने ग्रामीण भारत में चल रहे 1 लाख स्पाइस मनी माइक्रो-एटीएम का एक विशाल एटीएम नेटवर्क स्था पित कर दिया है।

एटीएम इंफ्रास्ट्राक्चरर को मजबूत करना इस सफर में उसका एक महत्व पूर्ण कदम है और 1 लाख का आंकड़ा छूना एक उल्लेाखनीय उपलब्धि है। देश में अब तक किसी बैंक द्वारा इंस्टॉ्ल किये गये पारंपरिक एटीएम की अधिकतम संख्याउ लगभग 60,000 है। इसलिये स्पाइस मनी देश का सबसे तेजी से बढ़ रहा माइक्रो-एटीएम नेटवर्क है। स्पाइस मनी के माइक्रो-एटीएम नेटवर्क पर मासिक आधार पर 1000 करोड़ रूपये से ज्यानदा के ट्रांजैक्शं स होते हैं।

वर्ष 2021 में भारत में पारंपरिक बैंकिंग बंद हो गई थी और इम्पीररियल बैंक ऑफ इंडिया अकेली बैंक थी, जो भारतीयों को सेवाएं दे रही थी। तब से अब तक भारत ने एक लंबा सफर तय किया है। 1950 के दशक में निजी कंपनियों के खुलने से लेकर आज वैश्विक बैंकिंग तथा फिनटेक की क्रांति के अग्रणियों में से एक बनने तक। बीतते वर्षों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों की बैंकिंग तक पहुँच बेहतर हुई है, लेकिन वर्ष 2019 में 6 लाख में से केवल 5% गाँवों में वाणिज्यिक बैंक की शाखा थी।

विश्वु में भारत के समकक्ष देशों से तुलना करें, तो भारत उन देशों में शामिल है, जहाँ दुनिया में एटीएम की पहुँच सबसे कम है। भारत में लगभग 650,000 गाँव हैं, लेकिन 10 गाँवों में तो केवल एक ही एटीएम है। भारत की 65% से ज्याबदा आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है, लेकिन देश के ग्रामीण क्षेत्रों में भारत के केवल 20% एटीएम हैं। इंफ्रास्ट्र क्चकर का खर्च, जागरूकता की कमी के कारण कम इस्तेीमाल, बिजली का लगातार उपलब्धए न रहना, चोरी, गुंडई, यह ग्रामीण क्षेत्रों में एटीएम संचालकों के लिये बड़ी बाधाओं में से कुछ हैं। यह चुनौतियाँ ग्रामीण आबादी को बैंकिंग की मूलभूत सुविधाएं देने की गति को धीमा कर रही हैं।

ग्रामीणों की आय बढ़ रही है, इसलिये ग्रामीण भारत में बैंकिंग सेवाओं की मांग भी तेज हो रही है। भारत का डिजिटल फुटप्रिंट बढ़ रहा है, जिससे डिजिटल बैंकिंग सॉल्यूभशंस मिल रहे हैं, जो बैंक से कम सेवा प्राप्ति या बैंक-रहित ग्रामीण क्षेत्रों को बैंकिंग सिस्टँम के मानचित्र पर लाते हैं। ग्रामीण आर्थिक नेटवर्क में टेक्नोालॉजी को एकीकृत करने वाली कंपनी के तौर पर स्पा्इस मनी अपने अधिकारियों (बैंकिंग अभिकर्ताओं), नजदीकी किराना स्टोृर्स/ स्टे शनरी दुकानों या लोगों को इंटरनेट से सशक्त कर रही है, ताकि वे स्पाजइस मनी के माइक्रो-एटीएम से जुड़ सकें।

इस प्रकार वे अपने बिजनेस को ‘स्पाइस मनी डिजिटल दुकान’ में बदल सकते हैं और अपने स्था्नीय समुदायों के लिये नगद निकासी ओर जमा जैसी जरूरी बैंकिंग सेवाओं की पेशकश कर सकते हैं। खासकर महामारी के बाद लगे लॉकडाउन के दौरान, माइक्रो एटीएम ने नगद निकासी और अन्यस जरूरी सेवाओं से लोगों की सहायता की थी। फरवरी 2020 में स्पाइस मनी के माइक्रो-एटीएम नेटवर्क में 18,000 से ज्यामदा एटीएम थे, जो कई गुना बढ़कर आज 1 लाख से ज्या दा हो गये हैं। कंपनी 7 लाख से ज्या्दा अधिकारियों के अपने नेटवर्क से भारत के 95% ग्रामीण पिनकोड्स को कवर करती है। कंपनी देश के आर्थिक रूप से कम सेवा प्राप्ति और नगदी से चलने वाले भागों में माइक्रो-एटीएम की पहुँच को बढ़ाती जा रही है।

स्पाइस मनी के चीफ एक्जीीक्यूकटिव ऑफिसर संजीव कुमार ने कहा, ‘’अपनी संस्था पना के बाद से ही स्पाइस मनी का मिशन भारत की ग्रामीण आबादी के वित्तीरय समावेशन पर केन्द्रित रहा है। इस प्रकार एंड यूजर्स और हमारे ग्रामीण उद्यमियों, यानि अधिकारियों की आर्थिक आजादी में बढ़त होती है। यह भारत की स्वरतंत्रता का 75वां वर्ष हैं। ऐसे अवसर पर हम अपना वादा निभाते हुए इस महत्वयपूर्ण वर्ष का जश्नं मनाकर खुश हैं।‘’

संजीव ने आगे कहा, ‘’मार्च 2021 के अंत तक, भारत के पास 1.3 अरब से ज्या्दा आबादी के लि‪ये केवल 2.39 लाख एटीएम थे। यह संख्या’ अर्द्ध-शहरी और ग्रामीण अर्थव्य वस्थाह की जरूरतों को पूरा करने में हमारे देश में एटीएम इंफ्रास्ट्रसक्च र की कमी दर्शाती है। ग्रामीण अर्थव्य्वस्थास तो जन धन खातों के माध्यकम से होने वाले डायरेक्टफ बेनेफिट ट्रांसफर के कारण वृद्धि कर रही है। लेकिन कई मामलों में, इन भागों में एटीएम नेटवर्क छोटा हुआ है और नगदी से प्रचुर इस अर्थव्यकवस्थाक को डिजिटल आर्थिक सेवाओं तक कम पहुँच के कारण संघर्ष करना पड़ा है।

यह देश में आर्थिक समावेश के लि‪ఀये एक बड़ी बाधा है। स्पाइस मनी देश के हर कोने में माइक्रो-एटीएम नेटवर्क के विस्ताेर हेतु लगातार काम कर रहा है, ताकि आर्थिक और डिजिटल सशक्तिकरण हो सके और ग्रामीण ग्राहकों को अपना पैसा मिले और आर्थिक आजादी भी। एक लाख एटीएम का मजबूत नेटवर्क स्थालपित करना हमारे लिये ऐतिहासिक उपलब्धि है और हम अपनी पहुँच को बढ़ाना तथा ज्याकदा से ज्या दा ग्रामीण ग्राहकों की आर्थिक जरूरतें पूरी करने में सहयोग देना जारी रखेंगे।‘’

स्पािइस मनी के ब्राण्डद एम्बे। सेडर और एडवाइजरी बोर्ड मेम्बदर सोनू सूद ने कहा, ‘’मैं वृद्धि के ज्या3दा अवसरों के साथ छोटे व्येवसायों को सहयोग देता आ रहा हूँ, ताकि वे फले-फूलें और उस स्था नीय समुदाय को भी फायदा पहुँचायें, जहाँ वे काम करते हैं। स्पााइस मनी माइक्रो एटीएम ऐसे छोटे कारोबारियों के लिये परफेक्टफ है, जो अब अपने बिजनेस को बिना खर्च ‘स्पा इस मनी डिजिटल दुकान’ में बदल सकते हैं और अपने ग्राहकों को जरूरी बैंकिंग प्रोडक्ट्स की अतिरिक्ता सेवा दे सकते हैं। माइक्रो-एटीएम ग्रामीण भारत में नजदीकी किराना स्टोीर्स को बैंकिंग ट्रांजैक्शंतस की सुविधा देकर आर्थिक सेवाओं की कमी को पूरा करने की महत्वजपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।‘’

इस साल, इससे पहले भी स्पािइस मनी ने एक पहल की थी और बिना किसी खर्च के, कंपनी के माइक्रो-एटीएम डिवाइसेस की पेशकश की थी। यह वित्तीरय समावेशन के उसके सपने को पंख देने और एक विशाल एटीएम नेटवर्क बनाने में अधिकारियों की सहभागिता को प्रोत्सा हित करने के लिये था। मई 2021 में, स्पा्इस मनी पहली कंपनी बनी, जिसने भारत के अंतिम गाँव चितकुल में एटीएम लगाया। चितकुल हिमाचल प्रदेश में स्थित है, जहाँ केवल दो किराना स्टोधर्स हैं। उनमें से एक किराना स्टोएर माइक्रो-एटीएम लगने के बाद ‘स्पाजइस मनी डिजिटल दुकान’ में बदल गया। इससे पहले, चितकुल के निवासियों के लिये सबसे नजदीकी एटीएम 25 किलोमीटर दूर सांगला में था। स्पा इस मनी की योजना अपने माइक्रो एटीएम नेटवर्क से इस प्रकार के और भी सुदूर क्षेत्रों को कवर करने की है।