मध्य प्रदेश के वित्तीय बजट में एमएसएमई इंडस्ट्री एवं व्यापारियों ने दिए कुछ सुझाव

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ग्लोबल फोरम फॉर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट की ओर से अध्यक्ष दीपक भंडारी ने बताया कि विगत कई वर्षों से हमारी मुख्यमंत्री ,वित्त मंत्री एवं एमएसएमई मंत्री से कुछ सुधार की मांगे रही है जो निम्नलिखित हैं।

(1) मध्यप्रदेश में एमएसएमई उद्योगों के लिए पावर के रेट प्रति यूनिट मैक्सिमम फिक्स किया जाना चाहिए।
(2) राज्यों के सभी औद्योगिक क्षेत्रों को उच्च गुणवत्ता वाले बनाने तथा सभी प्रकार की टेस्टिंग लैबोरेट्री बनाया जाय।
(3) एमएसएमई उद्योग के लिए सोलर पावर लगाने के लिए 25 परसेंट का अनुदान का प्रावधान इस बजट में रखा जाए।
(4)ग्रामीण औद्योगिकरण के लिए छोटे छोटे औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण अति आवश्यक है ताकि उन्हें पूर्ण सुविधा युक्त जैसे बिजली पानी सडक व अन्य सुविधा हो ऐसा बनाने की आवश्यकता है ऐसा बजट में प्रावधान करने की आवश्यकता है।
(5) टेक्सटाइल उद्योगों के लिए अलग से विभाग बनाया जाना चाहिए।
(6) सभी प्रकार के उद्योगों में लगने वाले लाइसेंस एवं अनुमति या कम से कम 10 साल तक मिलना चाहिए।
(7) एमएसएमई को जो कॉलेटरल फ्री लोन दिया जा रहा है उसमें 1.50 से 2:00 पर्सेंट तक हर साल फीस ली जा रही है उसे एक समय के लिए ही लेना चाहिए हर साल नहीं।
(8)औद्योगिक क्षेत्र की जमीन जो 30 या 99 साल के लिए लीज पर ली जाती है उसे 10 साल के बाद उद्योग को फ्री होल्ड की जाना चाहिए तथा लीज की जमीन को कॉलेटरल मानकर लोन दिया जाना चाहिए।
(9) एमएसएमई उद्योग जो बैंक इंटरेस्ट ले रही है उसमें सब्सिडी दी जाना चाहिए। उद्योगों को 7 से 8 परसेंट का ही ब्याज लगना चाहिए।
(10) लीज की जमीन पर पट्टे में संशोधन एवं परिवर्तन मैं बहुत अधिक पैसा खर्च हो रहा है उसे कम किया जाना चाहिए। वर्तमान में लीज रेंट 1 ₹ प्रति स्क्वायर फीट प्रति वर्ष तथा संधारण शुल्क भी 1 ₹ स्क्वेयर फीट प्रतिवर्ष है।
(11 ) नए उद्योगों को जीएसटी में वर्ष के अंत में प्रोत्साहन राशि के रूप में अनुदान दिया जाना चाहिए।
(1२) उद्योगों से जो कॉलेटरल लिया जाता है उसका मारटगेज करने पर जो स्टांप ड्यूटी को पूर्णतया माफ किया जाना चाहिए।
(13) कोई अगर बंद उद्योग लेना चाहता है तो उसको खरीदने में जो स्टैंप ड्यूटी लगती है उसको भी माफ किया जाना चाहिए या एक निश्चित राशि लेकर उसका रजिस्ट्रेशन किया जाना चाहिए।
(14 )निर्यात करने वाले उद्योगों को जो कि एसईजेड से बाहर है उसे भी ऐ सी जेड़ जेसी सारी सुविधाएं उसको भी प्राप्त हो ऐसा बजट में प्रावधान किया जाना चाहिए।

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(15) एमएसएमई उद्योग में देश में वह विदेश में अपने उत्पाद के मार्केट के लिए ज्यादा से ज्यादा अनुदान दिया जाना चाहिए।
(16) निर्यात करने में जितनी भी कागजों की कार्यवाही हो रही है उसको सरल प्रक्रिया के अंतर्गत की जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
(17 ) एनआरडीसी के द्वारा जो प्रोडक्ट बनाया जाता है उसे व्यापक तरीके से प्रचार प्रसार किया जाए कथा उनके साइंटिस्ट ओ को छोटे-छोटे जिलों में भेज कर अवेयरनेस प्रोग्राम किये जाना चाहिए।
(18) राज्य शासन के जितने भी उद्योगों से संबंधित विभाग है वह व्यापक तरीके से तहसील स्तर व्यापक प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए।
(19)सभी तहसील स्तरों पर उद्योग हाट बाजार खोलने की आवश्यकता है ताकि छोटे छोटे उद्योगों द्वारा उत्पादित वस्तुओं को आसानी से बेच सकें।
(20) इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड द्वारा जो बिजली सोलर पावर एवं विंड पावर से खरीद रहे हैं वह बहुत ही कम रेट पर खरीद रहे हैं उसका फायदा उपभोक्ताओं को एवं उद्योगों को भी दिया जाना चाहिए।
(21) आईटीआई में जो कोर्सेज पढ़ाया जा रहे हैं वह काफी पुराने हैं तथा आज के परिपेक्ष्य में करने की आवश्यकता है तथा इसे व्यवसायिक रूप में भी चलाने की अनुमति दी जानी चाहिए।