मप्रपक्षेविविकं प्रबंध निदेशक ने किया आगर दौरा, दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

Rishabh
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उज्जैन: बिजली एक ऐसी सेवा है जो जरूरी सेवाओं में से एक है, और बिजली उपभोक्ताओं को संतुष्ट करने के लिए इंजीनियर एवं कर्मचारी हर संभव प्रयास किए जा रहे है। साथ ही इसके लिए प्रदेश में बिजली देयकों का संग्रहण यानि राजस्व बढ़ाने के लिए भी गंभीरता से कार्य किए जाए, ताकि बकाया राशि क्रमशः घटे एवं प्रति यूनिट नकद राजस्व संग्रहण की स्थिति में सुधार हो।

बता दे कि मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने ये निर्देश दिए। साथ ही इसके लिए तोमर गुरुवार को दोपहर आगर जिले के दौरे पर आए है साथ ही उन्होंने जिला मुख्यालय पहुंचकर उन्होंने छावनी के ट्रांसफार्मर पहुंचकर निरीक्षण किया। प्रबंधक ने ट्रांसफार्मर की सेहत सुधार के लिए लागू सर्वे प्लानिंग एक्जिक्यूशन क्रास वेरिफिकेशन (स्पेक माड्यूल) की भी समीक्षा की।

इस समीक्षा में बताया गया कि इससे ट्रांसफार्मरों की सेहत सुधरेगी, लाइन लास घटेगा, उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति और भी अच्छी मिलेगी। समीक्षा के बाद इंजीनियरों की बूैठक में प्रबंध निदेशक तोमर ने कहा कि हर उपभोक्ता से देयकों की वसूली की जाए, उपभोक्ताओं व जनप्रतिनिधियों से सतत संवाद रखा जाए, इससे शिकायत निवारण तेज होगा, संतुष्टि बढ़ सकेगी।

प्रबंधक तोमर ने निर्देशित किया कि अस्पतालों में आपूर्ति पर निगाह रखी जाए, साथ ही इस अवसर पर मप्रपक्षेविविकं के निदेशक मनोज झंवर, उज्जैन संभाग के मुख्य अभियंता पुनीत दुबे, आगर के अधीक्षण यंत्री विनोद मालवीय, कार्यपालन यंत्री निमिष कुमार आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे।

इस अवसर पर बताया गया है कि संभाग की बिजली आपूर्ति व्यवस्था में बढोत्तरी हुई है और गैर कृषि उपभोक्ताओं के लिए प्रतिदिन 23 घंटे 55 मिनट की आपूर्ति हो रही है। वहीं सिंचाई के लिए 10 घंटे प्रतिदिन आपूर्ति व्यवस्था है। उपभोक्ता शिकायतों में भी आशातीत कमी देखने को मिली है।

उक्त जानकारी गुरुवार को उज्जैन संभाग के दौरे पर पहुंचे मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के प्रबंध निदेशक अमित तोमर को दी गई। वे गुरुवार को उज्जैन, आगर एवं शाजापुर जिले के भ्रमण पर रहे।

संभाग में दौरे पर रहे प्रबंध निदेशक तोमर ने कहा कि “बिजली जरूरी सेवा में शामिल है। बिजली उपभोक्ताओं की संतुष्टि के लिए इंजीनियर एवं कर्मचारी हर संभव प्रयास किए जाए। बिजली देयकों का संग्रहण यानि राजस्व बढ़ाने के लिए भी गंभीरता से कार्य किए जाए, ताकि बकाया राशि क्रमशः घटे एवं प्रति यूनिट नकद राजस्व संग्रहण की स्थिति में सुधार हो।

साथ ही प्रबंधक ने खुद ट्रांसफार्मर पहुंचकर इसका निरीक्षण किया और ट्रांसफार्मर की सेहत सुधार के लिए लागू सर्वे प्लानिंग एक्जिक्यूशन क्रास वेरिफिकेशन (स्पेक माड्यूल) की भी समीक्षा की। इससे ट्रांसफार्मरों की सेहत सुधरेगी, लाइन लास घटेगा, उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति और भी अच्छी मिलेगी। आगे उन्होंने कहां कि “हर उपभोक्ता से देयकों की वसूली की जाए, अस्पतालों में आपूर्ति पर निगाह रखी जाए।”

इस अवसर पर उज्जैन के मुख्य अभियंता पुनीत दुबे ने बताया कि उपभोक्ताओं की संतुष्टि के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है। संभागीय मुख्यालय उज्जैन में औसत 23.55 घंटे, जिला मुख्यालयों में 23.53 घंटे, कृषि फीडरों पर प्रतिदिन 9.45 घंटे बिजली वितरण हो रहा है। कृषि पर 10 घंटे बिजली वितरण होता है, कही मैंटेनेंस के लिए बिजली बंद रखने पर औसत 9.45 घंटे प्रतिदिन एवं गैर कृषि क्षेत्र में भी मैंटनेंस, स्थानीय निकायों की आवश्यकता एवं अन्य जरूरी कार्य से बिजली बंद रखने पर प्रतिदिन 23.53 से 23.55 घंटे औसत बिजली वितरण हो रहा है। बिजली आपूर्ति की स्थिति पिछले वर्ष के करीब दस मिनट प्रतिदिन ज्यादा है। मुख्य अभियंता उज्जैन ने बताया कि संभाग के 210 वितरण केंद्रों की टीम रोज उपभोक्ताओं से संवाद कर बिजली सेवाओं की संतुष्टि का प्रति परीक्षण कर रही है।