MP Vidhan Sabha: दो दिन में ही स्थगित हुआ मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र, ये है वजह

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मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र दूसरे ही दिन स्थगित हो गया। बताया जा रहा है कि आज महंगाई और ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच अनबन हो गई। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मानसून सत्र दूसरे ही दिन स्थगित कर दिया। बता दे, इसकी कार्यवाही शुरू होने के बाद ही अनुपूरक बजट और सभी विधयेक पेश हुए। फिर बाद में सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। आपको बता दे, ओबीसी वर्ग के आरक्षण को लेकर विपक्षी विधायकों ने विधानसभा में गांधी प्रतिमा के पास काला एप्रेन पहनकर प्रदर्शन किया।

ऐसे में उनके इस प्रदर्शन पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार करते हुए कहा कि कहा कि जवाब पूर्व सीएम कमल नाथ को देना चाहिए। ओबीसी आरक्षण पर लगी याचिका के समय उन्होंने क्या किया। कमल नाथ ओबीसी आरक्षण केस को लेकर एडवोकेट जनरल को कोर्ट में खड़ा करते, देश के बड़े वकीलों को इसके लिए बुलाते, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और केस में स्टे हो गया। स्टे के बाद इनके एडवोकेट जनरल ने इसको एमपी पीएससी में भी लागू करने का कह दिया था। यह उनकी सरकार का काम है। कमल नाथ ने पिछड़े वर्ग की पीठ पर छुरा घोपा है।

आगे उन्होंने कहा कि कमल नाथ जवाब दें कि 8 मार्च 2019 को 14 से 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने का तत्कालीन सरकार ने कहा। इस पर 10 मार्च 2019 को याचिका लगी, 19 मार्च को स्टे आ गया। 10 से 19 मार्च तक तत्कालीन सरकार ने अपना एडवोकेट जनरल तक कोर्ट में खड़ा तक नहीं किया। तत्कालीन सरकार ने अपने शासन के दौरान ओबीसी आरक्षण को लेकर कोई प्रयास तक नहीं किया। कांग्रेस आंखों पर पट्टी बांधकर बैठी है, कांग्रेस पाखंड कर रही है, पिछड़ा वर्ग को कांग्रेस ने धोखा दिया। कमल नाथ जवाब दें, 27 प्रतिशत आरक्षण बरकरार रखने के लिए कांग्रेस ने क्या किया? स्टे कराने का षड्यंत्र किया, कांग्रेस का पाखंड हम चलने नहीं देंगे, पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।