प्रधानमंत्री की हर योजनाओं के क्रियान्वयन में म.प्र. अव्वल : केंद्रीय मंत्री

Shivani Rathore
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इंदौर : केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज इंदौर में कहा कि उन्हें आज मध्य प्रदेश में आकर यह देखने को मिला कि मध्य प्रदेश प्रधानमंत्री की हर एक योजनाओं के क्रियान्वयन में अव्वल है। उन्होंने यह भी कहा कि अटल भूजल योजना से बुंदेलखंड के छह ज़िलों को लाभ मिल रहा है। श्री शेखावत आज अल्प समय के लिए इंदौर एयरपोर्ट पहुँचे थे। मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट भी उनके साथ इंदौर आए। मंत्री श्री सिलावट ने केंद्रीय मंत्री को मालवा और निमाड़ की भौगोलिक संरचना से अवगत कराया और यहाँ सिंचाई सुविधाओं के विस्तार में केंद्रीय मंत्रालय के सहयोग से अपेक्षा की। मंत्री श्री सिलावट ने बताया कि आज केंद्रीय मंत्री श्री शेखावत ने भोपाल में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के साथ लंबी बैठक की। मध्य प्रदेश में सिंचाई सुविधा बढ़ाने के लिए केंद्र शासन का हर संभव सहयोग मिलना सुनिश्चित होगा। श्री सिलावट ने बताया कि केंद्रीय मंत्री से केन बेतवा लिंक पर भी चर्चा हुई। केन्द्रीय मंत्री श्री शेखावत ने आश्वस्त किया है कि इस परियोजना से मध्य प्रदेश का अहित नहीं होने दिया जाएगा।

जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने बताया है कि वर्ष 2009 में भारत सरकार द्वारा केन-बेतवा लिंक बहुउद्देशीय परियोजना को राष्ष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया एवं इसके वित्त पोषण हेतु 90:10 अनुपात में केन्द्र एवं संबंधित राज्यों के मध्य आधार सुनिश्चित किया गया।
परियोजना म.प्र. के छतरपुर/पन्ना जिले में स्थित है। परियोजना के क्रियान्वयन से होने वाली संपूर्ण क्षति जैसे- भूमि अधिग्रहण, जंगल क्षति, राजस्व भूमि की क्षति, प्रतिपूरक वनीकरण हेतु गैर वनभूमि की व्यवस्था, जनजातीय परिवारों का विस्थापन एवं पुनर्वास इत्यादि मध्यप्रदेश द्वारा वहन की जा रही है।

राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण द्वारा परियोजना की ड्राफ्ट एकजाई डी.पी.आर. (प्रथम चरण + द्वितीय चरण) अक्टूबर 2018 में तैयार की गई। ड्राफ्ट एकजाई डी.पी.आर. की कुल लागत लगभग 35111.24 करोड़ आंकलित की गई। जल संसाधन विभाग मध्यप्रदेश द्वारा ड्राफ्ट एकजाई में उत्तरप्रदेश को रबी सीजन में 700 एम.सी.एम. के स्थान पर 930 एम.सी.एम. जल का उपयोग दर्शाया गया है, जबकि मध्यप्रदेश का रबी सीजन में जल एवं कमांड क्षेत्र कम किया गया है, जो मध्यप्रदेश को मान्य नहीं है। मध्यप्रदेश द्वारा एकजाई डी.पी.आर., आपत्तियां इंगित करते हुए महानिदेशक NWDA को प्रेषित की गईं।

दिनांक 23 अप्रैल 2018 को सचिव, भारत सरकार द्वारा आयोजित बैठक में मध्यप्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं उत्तरप्रदेश के प्रमुख सचिव ने भाग लिया, जिसमें मध्यप्रदेश द्वारा रबी सीजन में सिंचाई व पीने के पानी हेतु बांध से कुल 700 मि.घ.मी. पानी उत्तप्रदेश को आबंटित करने हेतु अपनी सहमति दी गई। लेकिन बैठक में कार्यवृत्त में उत्तरप्रदेश को 788 मि.घ.मी. पानी आबंटित किया गया, जिसके लिए मध्यप्रदेश ने अपने पत्र दिनांक 24 मई 2018 द्वारा असहमति व्यक्त की।

दिनांक 20 जुलाई 2020 को नई दिल्ली में सचिव, जल संसाधन की अध्यक्षता में बैठक में उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिव द्वारा रबी सीजन में सिंचाई एवं पीने के पानी के लिये पुन: मांग बढ़ाकर 930 मि.घ.मी. आबंटन हेतु अनुरोध किया गया। सचिव, जल संसाधन भारत सरकार द्वारा सीजनल (नवंबर से मई) जल की आवश्यकता की जांच करने हेतु राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण को निर्देशित किया गया। प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग मध्यप्रदेश के पत्र दिनांक 14 जनवरी 2020 द्वारा 700 मि.घ.मी. जल केन सिस्टम से (नवंबर से मई अवधि के दौरान बरियारपुर पिकअप वियर पर उत्तरप्रदेश को आवंटित करने एवं मानूसन अवधि (जून अक्टूबर) में उत्तरप्रदेश के महोबा जिले में निर्मित 10 जलाशयों में आवश्यकतानुसार उत्तरप्रदेश को अपने हिस्से के आबंटित जल से भरने की सहमति दी गई।

22 सितम्बर 2020 को केन्द्रीय मंत्री, जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वीडियो कान्फ्रेंसिंग से मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के जल संसाधन मंत्री के साथ बैठक की गई। बैठक में चर्चा उपरांत निर्णय लिया गया कि दोनों राज्य भारत सरकार द्वारा भेजे गए मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (MOA) प्रारूप पर अपनी टिप्पणी पूर्ण जानकारी के साथ प्रस्तुत करें, जिससे जल शक्ति मंत्रालय द्वारा (MOA) प्रारूप को अंतिम रूप दिया जा सके। दिनांक 6 नवम्बर 2020 को भोपाल में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की नदी जोड़ो अभियान परिकल्पना के अनुक्रम में बनाई गई बहुउद्देशीय केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना के गतिरोध को दूर कर, इसका कार्य शीघ्र प्रारंभ करवाया जाएगा।

मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश के बीच सीजनल जल बंटवारे पर सहमति न बनने के कारण परियोजना में विलंब हो रहा है। मध्यप्रदेश ने उत्तरप्रदेश को परियोजना से अवर्षाकाल के महीनों में रबी फसल व पेयजल के लिए 700 मि.घ.मी. पानी देने पर पूर्व में सहमति दी थी, जिसके लिए हम आज भी तैयार हैं। इस संबंध में भारत सरकार के समक्ष मध्यप्रदेश का पक्ष मजबूती से रखा जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में ही केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से परियोजना संबंधी गतिरोध शीघ्र दूर करने सबंधी आग्रह किया था।