मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक बड़ा फैसला किया है जिसमें 15 जुलाई तक मौजूदा कलेक्टर गाइडलाइन की दरों पर ही संपत्तियों की रजिस्ट्री की जा सकेगी। साथ ही कहा जा रहा है कि अगले 15 दिन तक मौजूदा कलेक्टर गाइडलाइन से ही संपत्ति की खरीद और ब्रिक्री होगी। जिसको लेकर कमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट ने आदेश भी जारी कर दिए है। दरअसल, इससे पहले 1 जुलाई से नई गाइडलाइन जारी करने का निर्णय लिया था। लेकिन बाद में 25 मई को पिछले वित्तीय वर्ष में लागू गाइडलाइन को 30 जून तक के लिए यथावत रखा था, लेकिन अब इसे 15 दिन के लिए बढ़ा दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, मध्यप्रदेश में 1 जुलाई से प्राॅपर्टी की रजिस्ट्री की दरें एवरेज 19 से 20% तक बढ़ाने की तैयारी थी। ऐसे में इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर समेत प्रदेश की 15 हजार लोकेशन ऐसी हैं, जहां पर गाइडलाइन 25 से 40% तक बढ़ेगी। जबकि 39500 लोकेशन पर ये आंकड़ा 15 से 20% है। इसके अलावा भोपाल और इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट की वजह से कलेक्टर गाइडलाइन (बाजार दर) 40% तक बढ़नी थी। इसका मतलब है कि भोपाल के एम्स, होशंगाबाद रोड, एमपी नगर समेत कई इलाकों में रजिस्ट्री नई दर से होगी। साथ ही नए हाईवे और 5 साल से रेट नहीं बढ़ना भी बड़ी वजह है।
इसके अलावा आज सीएम शिवराज की मूल्यांकन बोर्ड की बैठक में प्रेजेंटेशन के बाद हरी झंडी मिलते ही 16 जुलाई से नई गाइडलाइन लागू करने की तैयारी है। बताया जा रहा है कि इसके चलते प्रदेश की कुल 1.17 लाख लोकेशन में गाइडलाइन में वृद्धि होगी। साल 2015-16 में सरकार ने 4% बढ़ोतरी की थी। ऐसे में पहली बार होगा, जब गाइडलाइन बढ़ेगी। साल 2019-20 में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने गाइडलाइन 20% तक इस उम्मीद में घटा दी थी कि मंदी की मार झेल रहे रीयल एस्टेट में फिर बूम आएगा। लेकिन साल 2016-17 से अब तक सरकार स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस में बढ़ोतरी करती रही है।