प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड : अस्पतालों में उच्च स्तरीय दल का महत्वपूर्ण दौरा, लिया कोरोना के वेस्ट के प्रबंधन का जायजा

Akanksha
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इंदौर : मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के उच्च स्तरीय दल द्वारा विभिन्न अस्पतालों का निरीक्षण कर कोविड-19 वेस्ट के प्रबंधन एवं डिस्पोजल का जायजा लिया गया। दल में भोपाल से आये बोर्ड के डायरेक्टर (पर्यावरण) पी.के. त्रिवेदी, क्षेत्रीय अधिकारी आर.के. गुप्ता, मुख्य रसायनज्ञ एवं प्रयोगशाला प्रभारी डॉ. डी.के. वागेला के साथ-साथ वैज्ञानिक संजय जैन एवं एस.एन. कटारे उपस्थित थे।

दल द्वारा श्री अरविन्दो हॉस्पिटल, एम.वाय. हॉस्पिटल एवं एम.टी.एच. हॉस्पिटल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान एस.टी.पी. एवं कोविड-वेस्ट संग्रहण एवं डिस्पोजल की व्यवस्था देखी गई। इसके पश्चात् कॉमन बायोमेडिकल वेस्ट फेसिलिटी हॉस्विन इन्सिनरेटर का निरीक्षण किया गया। जिसमें अत्याधुनिक पद्धति से कोविड-19 वेस्ट का डिस्पोजल किया जा रहा है। उक्त निरीक्षण के दौरान सामान्यतः अस्पतालों द्वारा कोविड-19 अपशिष्ट हेतु की गई व्यवस्था संतोषजनक पाई गई। किन्तु कुछ स्थानों पर पाई गई कमियों के लिये अस्पताल प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट किया गया। जिसके संबंध में अस्पतालों को सूचना पत्र द्वारा निर्देश जारी किये जा रहे हैं। निरीक्षण के दौरान उक्त चिकित्सा संस्थानों के जल एवं वायु नमूनों का संग्रहण भी किया गया है। जिसके आधार पर चिकित्सा संस्थान द्वारा अपनाई जाने वाली उपचार व्यवस्था का आंकलन भी किया जायेगा।

श्री अरविन्दो हॉस्पिटल में एस.टी.पी. में केमिकल डोजिंग पंप को सुधारने एवं बायोमेडिकल वेस्ट उचित सेग्रिगेशन के निर्देश गये। एम.वाय. हॉस्पिटल में एस.टी.पी. के पृथक लॉगबुक रखने एवं पृथक विद्युत मीटर लगाने के लिये निर्देशित किया गया तथा कोविड-19 अपशिष्ट संग्रहण हेतु उपयोग में लाये जा रहे कंटेनर एवं बैग पर उचित रूप से लेबलिंग करने हेतु निर्देशित किया गया। एम.टी.एच. हॉस्पिटल एवं सुपर स्पेश्लिटी हॉस्पिटल को बोर्ड से जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के तहत अद्यतन प्राधिकार प्राप्त करने एवं एस.टी.पी. स्थापित करने हेतु एम.वाय. हॉस्पिटल प्रबंधन को निर्देशित किया गया है। मेसर्स हॉस्विन इन्सिनरेटर प्रा. लि. को ऑनलाइन पर्टिकुलेट मेटर मॉनिटरिंग व्यवस्था करने, ई.टी.पी. आउट लेट पर फ्लो मीटर लगाने एवं कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए संपूर्ण प्लांट के सेनेटाईजेशन का रिकॉर्ड रखने हेतु निर्देश दिये गये।