भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में आज 90 दिनों से जारी किसान आंदोलन के मुद्दे से पूरा सभागृह गूंज उठा। दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि के दौरान विपक्ष की ओर से किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देने की मांग उठाई गई तो इस पर शोर-शराबा होने लगा। इस दौरान बीजेपी ने कांग्रेस पर किसानों के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया तो वहीं कांग्रेस ने भी पलटवार करते हुए कहा कि इससे साबित होता है कि बीजेपी किसानों की कितनी हितैषी है।
दरअसल, मध्यप्रदेश बजट सत्र के दूसरे दिन विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही दिवंगत नेताओं और लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान सीधी बस हादसे और उत्तराखंड में ग्लेशियर हादसे में मारे गए लोगों को भी याद किया गया। जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बाहर निकल कर मीडिया से चर्चा की। उन्होंने सदन का हाल बताते हुए कहा कि, सदन में उन्हें सत्तापक्ष की ओर से श्रद्धांजलि दी जाना चाहिए थी पर नहीं दी गयी। लेकिन मैंने 210 किसानो की दुखद मौत का ज़िक्र अपनी श्रद्धांजलि में किया है क्योंकि मुझे यह उचित नहीं लगा कि प्रदेश की विधानसभा में उन्हें श्रद्धांजलि नहीं दी जाये।
कमलनाथ ने कहा कि, सदन में कई विधायकों के मास्क ना लगाने पर उन्होंने कहा कि सभी को अपनी सुरक्षा का ख़ुद ध्यान रखना चाहिए। मैंने भी आज मांग रखी है कि विधायकों के लिए, विधानसभा के कर्मचारी -अधिकारियों के लिए वैक्सीन लगाने की एक अलग नीति बनायी जाये क्योंकि लगातार अधिकारी और राजनेता संपर्क में आते हैं। तो उन्हें करोना का संक्रमण ना हो इसलिए उनके लिए अलग से वैक्सीन की नीति बनायी जाये।
विधायक दल की बैठक पर उन्होंने कहा कि, विधायकों के अलग-अलग सुझाव आए हैं, उन पर हम विचार कर रहे हैं। साथ ही दिल्ली किसान आंदोलन में शहीद किसानों को खालिस्तानी कहे जाने पर उन्होंने कहा कि, कोई खालिस्तानी नहीं है ,किसान किसान हैं, जो हमारा विरोध करे उसे हम ख़ालिस्तानी कहें, यह ग़लत है, यह इनकी सोच का उदाहरण है।
इसके साथ ही कमलनाथ ने सदन में सीधी हादसे में मृत लोगों के परिजनों को रोजगार प्रदान करने की माँग भी रखी।
नरेन्द्र सलूजा