भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) के अयोध्या नगर थाने के टीआई हरीश यादव (TI Harish Yadav) को बर्खास्त कर दिया गया है। आपको बता दें कि, टीआई हरीश यादव (TI Harish Yadav) पर सेक्स रैकेट (Sex Racket) मामले में गंभीर आरोप लगे है। इन आरोपों के चलते ही उन्हें पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। टीआई हरीश यादव पर सेक्स रैकेट के दौरान गिरफ्तार की गई। टीआई हरीश यादव पर कॉलगर्ल से ग्राहकों को ब्लैकमेल कराने के साथ ही कई और गंभीर मामलों में शामिल होने का आरोप था। आपको बता दें कि, इस मामले में टीआई की जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद भोपाल पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने हरीश यादव को सेवा से बर्खास्त करने के आदेश जारी किए हैं।
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साल 2019 में पकड़े गए सेक्स रैकेट कांड के दौरान तत्कालीन आईजी योगेश देशमुख के आदेश पर हरीश के खिलाफ जांच शुरू हुई थी। जांच के दौरान ये बात सामने आई थी कि जो भी आरोप टीआई हरीश यादव पर लगे हैं। रिपोर्ट में सामने आया कि जो भी आरोप लगाए गए है वो सब सही है। बता दें कि, इस मामले में हरीश यादव के साथ ही तीन पुलिसकर्मी सुभाष गुर्जर, अनिल जाट, लाड सिंह गुर्जर को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। वहीं मिली जानकारी के अनुसार हरीश यादव अयोध्या नगर थाने इलाके की सभी कॉलगर्ल के संपर्क में था।
पूरा मामला
निशातपुरा थाने में 28 अगस्त 2019 को मनीष नाम के एक युवक को दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जिसकी जमानत के बाद वह जेल से बाहर आया। बाहर आने के बाद दुष्कर्म का केस दर्ज करने वाली लड़की उससे पांच लाख रुपये की मांग करने लगी थी। जिसके बाद मनीष को उसपर शक हुआ। उसने इसकी शिकायत पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से की। उसने बताया कि वह सेक्स रैकेट के अड्डे में गया था। जहां, उसके वीडियो बना लिए गए। इसके बाद उसे फंसा दिया गया। इसी दौरान सितंबर 2019 में निशातपुरा पुलिस ने सेक्स रैकेट चलाने वाली नीपा घोटे, रिजवाना नाम की दो लड़कियों को गिरफ्तार किया।
साथ ही पुलिस पूछताछ में दोनों ने बताया कि “अयोध्या नगर थाना प्रभारी हरीश यादव के संरक्षण में सेक्स रैकेट चलाती हैं और उनके ही कहने पर ग्राहकों के वीडियो बनाकर टीआई को देती हैं। टीआई ग्राहकों को रेप के केस में फंसाकर पैसा वसूलता है।” आगे बताया गया कि टीआई और कॉलगर्ल में पैसे का बंटवारा कर लिया जाता है। जो ग्राहक पैसा नहीं देते उन्हें रेप के केस में फंसा दिया जाता है। इसके साथ ही जानकारी मिली कि तीन माह के अंदर करीब 10 लोगों को इस तरह से ब्लैकमेल किया गया था।