भोपाल। मध्यप्रदेश का जनसंख्या नियंत्रण कानून के मामले ने अब हाईकोर्ट में भी दस्तक दे दी है। बता दें कि, कोर्ट में इस पर 8 सितंबर को सुनवाई होने जा रही है। इसके साथ ही एक बार फिर जनसंख्या नियंत्रण के मामले पर भाजपा कांग्रेस आमने-सामने हैं। कांग्रेस तत्कालीन दिग्विजय सिंह सरकार के दौरान साल 2000 में जनसंख्या नियंत्रण नीति लेकर आई थी, लेकिन लागू नहीं हो सकी। इसके बाद 2003 में प्रदेश में सत्ता का परिवर्तन भी हो गया। तब से लेकर आज तक जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर जुबानी जंग ही चल रही है।
वहीं एमपी के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस विधायक तरुण भनोट ने कहा कि हमारी सरकार तो इस मामले में नीति लेकर आई लेकिन जब 2003 से प्रदेश में 15 साल तक भाजपा का शासन रहा तब जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया। जनसंख्या नियंत्रण को लेकर पूर्व मंत्री ने अपनी व्यक्तिगत राय बताई कि यह बेहद जरूरी है और उसे जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए।
इसके साथ ही बीजेपी अब विपक्ष के बयान पर सवाल खड़े कर तंज साध रही है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस क्या करना चाहती है, उसे वह खुद ही नहीं पता। अगर नीति लेकर आई थी तो जब भाजपा ने जनसंख्या नियंत्रण कानून के मुद्दे को जनता के समक्ष रखा तो विरोध क्यों किया गया।