राजेश ज्वेल
छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के इस्तीफे का मामला मीडिया की सुर्खियों में है और सोशल मीडिया पर भी इससे जुड़ी पोस्ट जमकर शेयर की जा रही है . कयास ये भी लगाए जा रहे हैं वे विधानसभा चुनाव लड़ सकती है , हालांकि ये फिलहाल स्पष्ट नहीं हुआ कि निशा बांगरे कांग्रेस या आप पार्टी से चुनाव लड़ेंगी. बहरहाल इन अटकलों के बीच निशा बांगरे के बारे में एक महत्वपूर्ण और चौकाने वाला खुलासा हुआ है कि उन्होंने किस तरह से अपने पद का दुरुपयोग किया. दरअसल अपने मकान के उद्घाटन के लिए उन्होंने बौद्ध समुदाय से जुड़े विदेशी राजनयिकों को न सिर्फ आमंत्रित किया बल्कि इसके लिए न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार से विधिवत कोई अनुमति ली.
बल्कि उन्होंने बतौर डिप्टी कलेक्टर अपने स्तर पर ही विदेशी मेहमानों को अपने मकान के उद्घाटन के लिए बुलवा लिया और उनके रहने से लेकर सुरक्षा की व्यवस्था करने के संबंध में विभागीय पत्र भी जारी कर दिए , जबकि बैतूल एसपी ने भी इस पूरे आयोजन को संदिग्ध बताते हुए शासन स्तर से जानकारी मांगी. विदेश मंत्रालय को भी नही पता और न इन विदेशियों के वीजा में इस अयोजन की कोई जानकारी है . यानि निशा बांगरे ने अपने तयशुदा राजनीतिक एजेंडे के चलते न सिर्फ़ इन विदेशी लोगों को बुलाकर आयोजन करना तय कर लिया बल्कि जब अनुमति नहीं मिली तो आरोप लगाकर इस्तीफा देकर शहीद बनने का नाटक भी किया.
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सरकारी दस्तावेजों और उनके द्वारा लिखे गए पत्रों से ही स्पष्ट हो जाता है कि उन्होंने अपने पद का किस तरह राजनीतिक इस्तेमाल के लिए दुरुपयोग किया और विदेशी मेहमानों को बुलाया, जिनकी मंशा भी स्पष्ट नहीं है और बैतूल एसपी ने इसे देश की सुरक्षा का भी गम्भीर मामला माना. खुद निशा ने इस्तीफा देने के बाद मीडिया को दिए अपने बयान में स्पष्ट किया कि आमला में बने उनके मकान के उद्घाटन के लिए विदेशी मेहमान आ रहे थे , जिन्हें शासन- प्रशासन ने मंजूरी नहीं दी और उनके परिवार को परेशान किया जा रहा है . यानी कुल मिलाकर यह पूरा मामला केंद्र से लेकर राज्य सरकार के लिए भी संवेदनशील हो गया है और अब शासन को इस बात की गंभीरता से जांच करना चाहिए कि विदेशी लोगों को क्यों और किन प्रयोजन से बुलाया गया.
उक्त आयोजन कल होने जा रहा है और अभी तक इसकी कोई अनुमति प्रशासन ने जारी नहीं की गई है . निशा बांगरे के लिखे प्रशासनिक पत्र और बैतूल एसपी के पत्र से पूरा मामला न सिर्फ़ संग्धित बल्कि किसी विदेशी षड्यंत्र से जुड़ा भी प्रतीत होता है , अब ये मामला उच्च स्तरीय जांच का बन गया है .