MP News : फायर सेफ्टी के संबंध में नए आदेश किए जारी, 30 जून तक प्रस्तुत करनी होगी अग्निशमन ऑडिट रिपोर्ट

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इंदौर। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया है कि अग्निशमन प्राधिकारियों द्वारा फायर सेफ्टी के संबंध में जारी किये जाने वाले प्रोविजनल अनापत्ति प्रमाण-पत्र संबंधी पूर्व में जारी सभी दिशा-निर्देशों को अधिक्रमित करते हुए नये निर्देश जारी कर दिये गये हैं। नगर निगमों के लिये आयुक्त नगर पालिक निगम, नगर पालिका एवं नगर परिषद के लिये संभागीय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास, ग्रामीण क्षेत्रों के लिये कलेक्टर और छावनी परिसर क्षेत्र जबलपुर, महू, मुरार, पचमढ़ी एवं सागर के लिये अधिशासी अधिकारी को अग्निशमन प्राधिकारी घोषित किया गया है। साथ ही एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत संबंधी शहरी क्षेत्र के प्रकरणों के लिये कलेक्टर को सक्षम प्राधिकारी घोषित किया गया है।

भवनों में अग्नि सुरक्षा संबंधी प्रावधानों की अनिवार्यता

राष्ट्रीय भवन संहिता में 15 मीटर से ऊँचे सभी भवन, एक तल पर 500 स्क्वायर-मीटर से अधिक निर्मित क्षेत्रफल वाले समस्त भवन (आवासीय एवं धार्मिक तथा सामुदायिक भवनों को छोड़ कर) कोई भी होटल/अस्पताल, जिसमें 50 से अधिक पलंग हो, को अग्नि सुरक्षा प्रमाण-पत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा। पचास से कम पलंग वाले अस्पताल/होटल स्वयं नियमानुसार पंजीकृत फायर इंजीनियर का प्रमाणीकरण करेंगे तथा संचालन के लायसेंस के समय सक्षम अधिकारी को प्रस्तुत करेंगे। अनुमोदित सेफ्टी प्लान के अनुरूप व्यवस्था सुनि‍श्चित करने के बाद ऊर्जा विभाग के नियमों के तहत जारी विद्युत सुरक्षा प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के बाद भवन के लिये फायर सर्टिफिकेट जारी किया जायेगा, जिसकी अवधि 3 वर्ष रहेगी। पूर्व से निर्मित भवनों के लिये अग्निशमन अधिकारी द्वारा आवेदन प्राप्ति के एक माह के भीतर फायर प्लान का अनुमोदन किया जाएगा। निर्धारित 2 माह की समयावधि में यदि भवन स्वामी/भवन संचालक द्वारा फायर प्लान तैयार कर अग्निशमन प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जाता है, तो विलंबित समय के लिये प्रति दिन 500 रूपये की दर से और एक वर्ष के बाद एक हजार रूपये प्रति दिन की दर से दंड देय होगा।

फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट देने के लिये शुल्क निर्धारण कर दिया गया है। आवासीय तथा शैक्षणिक भवन के लिये 2 हजार रूपये प्रथम 500 वर्ग मीटर के निर्मित क्षेत्र के लिये तथा 500 वर्ग मीटर से अधिक निर्मित क्षेत्रफल के लिये 2 रूपये प्रति वर्ग मीटर की दर से शुल्क लगेगा। अन्य भवनों के लिये 5 हजार रूपये प्रथम 500 वर्ग मीटर के निर्मित क्षेत्र के लिये तथा 500 वर्ग मीटर से अधिक निर्मित क्षेत्रफल के लिये 5 रूपये प्रति वर्ग मीटर की दर से शुल्क देना होगा। प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 30 जून तक निर्धारित प्रपत्र में अग्निशमन ऑडिट रिपोर्ट, अग्निशमन प्राधिकारी को प्रस्तुत करनी होगी।

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फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट का नवीनीकरण

फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट की 3 वर्ष की अवधि समाप्त होने के 2 माह पहले सर्टिफिकेट के नवीनीकरण के लिये आवेदन करना होगा। नवीनीकरण आगामी 3 वर्ष के लिये किया जा सकेगा। समस्त अग्निशमन प्राधिकारी अपने क्षेत्रान्तर्गत, जहाँ फायर ऑफिसर पदस्थ नहीं है, वहाँ निकाय के ही किसी तकनीकी अधिकारी को अस्थायी रूप से फायर ऑफिसर का प्रभार देंगे, जो भवन/स्थल का निरीक्षण कर सकेगा। इसी प्रकार समस्त अग्निशमन प्राधिकारी फायर संबंधी व्यवस्थाओं का पर्यवेक्षण करने एवं प्रमाण-पत्रों के संबंध में तकनीकी मार्गदर्शन देने के लिये योग्यताधारी/अनुज्ञप्तिधारी अग्निशमन इंजीनियर की सेवाएँ ले सकेंगे। आवश्यक होने पर संविदा नियुक्ति भी दी जा सकती है। फायर ऑफिसर द्वारा ऐसे भवन, जिनकी फायर ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है, उनकी मासिक समीक्षा की जाएगी। न्यूनतम 10 प्रतिशत रेन्डम प्रकरणों का औचक निरीक्षण भी किया जाएगा।