सरकारी मंत्रालयों में ई-ऑफिस की प्रणाली का शुभारंभ होने जा रहा है, जिसके अनुसार सरकारी कार्य अब ई-फाइलों के माध्यम से होगा। मैनुअल फाइल व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त करने की तैयारी की जा रही है। हालांकि, मुख्यमंत्री और मंत्रियों के लिए मैनुअल फाइलों की प्रणाली को बरकरार रखा जाएगा ताकि उनके हस्ताक्षर की नकल करने का कोई अवसर न हो। इसके बावजूद, अब अफसरों की टेबल पर फाइलों के ढेर लगाने का अंत होगा।
‘मध्य प्रदेश कैबिनेट के लिए भी लागू होगा ई-ऑफिस प्रणाली’
सरकारी कामकाज के लिए सिस्टम ने ऑनलाइन फाइलों को ही तैयार करने और ई-हस्ताक्षर के माध्यम से ही जारी करने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय मध्य प्रदेश कैबिनेट के लिए भी लागू होगा, जिसमें प्रस्ताव भी ऑनलाइन ही तैयार किए जाएंगे। हाल ही में, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किए, जिसमें स्पष्ट किया गया कि सरकारी कामकाज को केवल E-फाइलों के माध्यम से ही किया जाएगा।
‘वल्लभ भवन मंत्रालय वालों के लिए ई-पास प्रणाली’
वल्लभ भवन मंत्रालय में आगंतुकों के प्रवेश को आसान बनाने के लिए अब E-पास प्रणाली शुरू की जा रही है। एक वेबसाइट तैयार की गई है, जिसके माध्यम से आगंतुक ई-पास के लिए आवेदन कर सकेंगे और मंत्रालय में प्रवेश प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए कतार में लगने की आवश्यकता नहीं होगी। आगंतुक अपने मोबाइल से आवश्यक दस्तावेज भरकर आवेदन कर सकेंगे। दस्तावेजों के ऑनलाइन सत्यापन के बाद, ई-पास ऑनलाइन जारी किए जाएंगे। इसके लिए पास बनाने वाले कर्मचारियों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।
‘जिस विभाग के लिए पास जारी सिर्फ उसी विभाग में प्रवेश की अनुमति’
जिस विभाग के लिए पास जारी किया गया है, सिर्फ उसी विभाग में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। मंत्रालय के सुरक्षाकर्मियों और अन्य कर्मचारियों को भी मंत्रालय में प्रवेश करने वाले जनप्रतिनिधियों और आम लोगों के साथ शिष्टाचार का प्रशिक्षण दिया जाएगा। अभी मंत्रालय में प्रवेश के लिए पास बनवाने के लिए लंबी कतार लगती है। बढ़ती भीड़ को देखते हुए E-पास बनाने और जारी करने की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही मंत्रालय की सुरक्षा की दृष्टि से आगंतुकों की जांच की जाती है। जिस विभाग के लिए पास जारी किया गया है, सिर्फ उसी विभाग में प्रवेश कर सकेंगे। यह व्यवस्था जल्द ही लागू की जाएगी।