MP News: किसानों को CM शिवराज की बड़ी सौगात, किसान-कल्याण योजना की राशि 4 हजार से बढ़ाकर की गई 6 हजार

Deepak Meena
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इंदौर : रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि किसान अन्नदाता ही नहीं, भारत का भाग्य विधाता भी है। किसान के बेटों ने सीमाओं की रक्षा की है। भारत को ताकतवर बनाने के लिए किसानों को ताकतवर बनाना होगा। चाहे स्वतंत्रता की लड़ाई हो, वर्ष 1857 का संग्राम हो, चम्पारण का सत्याग्रह हो या गुजरात के बारडोली का आंदोलन, किसानों ने अंग्रेजों की चूल्हें हिला दी थीं। आज मध्यप्रदेश में इस किसान-कल्याण महाकुंभ में किसानों की बड़ी संख्या में उपस्थिति हर्षित करने वाली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में विकास और किसान, गरीब, बेटियों आदि सभी के लिये करिश्माई कार्य कर रहे हैं। वे जनता के लिये तहे दिल से कार्य कर रहे हैं। जनता उन्हें कितना अधिक प्यार करती है, यह आज मैं देख रहा हूँ।

रक्षा मंत्री सिंह राजगढ़ जिले में किसान-कल्याण महाकुंभ को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना में राज्य सरकार 4 हजार रूपये के स्थान पर अब 6 हजार रूपये की राशि प्रतिवर्ष किसानों को प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में किसानों को प्रतिवर्ष 6 हजार रूपये प्राप्त होते हैं। इस प्रकार अब किसानों को मिलने वाली यह राशि 12 हजार रूपये वार्षिक हो जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाड़ली बहना योजना में ऐसे परिवार भी लाभान्वित होंगे, जहाँ ट्रेक्टर हैं। ट्रेक्टर को चार पहिया वाहन की श्रेणी में नहीं माना जायेगा। इन परिवार की बहनों को भी 1000 रूपये प्रतिमाह मिलेंगे। उन्होंने कहा कि खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। राज्य सरकार खाद-बीज के अग्रिम उठाव का 3 माह का ब्याज भी भरेगी। उन्होंने किसानों से कहा कि समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी शीघ्र ही शुरू होगी।

केन्द्रीय रक्षा मंत्री सिंह और मुख्यमंत्री चौहान ने सिंगल क्लिक से मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना-2023 में 11 लाख किसानों के खाते में 2 हजार 123 करोड़, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 44 लाख 49 हजार किसान के खाते में 2 हजार 900 करोड़, मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना में 70 लाख 61 हजार किसान के खाते में एक हजार 400 करोड़, इस प्रकार 6 हजार 423 करोड़ ,रूपये की राशि अंतरित की। कार्यक्रम में किसानों के साथ ही बड़ी संख्या में बहनें एवं बेटियाँ एकत्र हुईं। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत अब कमजोर देश नहीं है। किसी भी देश की हिम्मत नहीं कि आँख उठाकर हमारी ओर देखे। भारत के लोगों का विश्वास वसुधैव कुटुम्बकम में है। विश्व की धरा पर रहने वाले सभी लोगों को हम अपना मानते हैं।

भारत किसी भी देश पर आक्रमण नहीं करता, यह हमारा चरित्र है। हम किसी को नहीं छेड़ेंगे, लेकिन कोई हमें छेड़ेगा, तो हम भी छोड़ेंगे नहीं। भारत इस पार नहीं, उस पार जाकर भी आतंकवादियों और हमलावरों को सबक सिखा सकता है। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक के फैसले से जग-जाहिर हो चुका है। केन्द्रीय मंत्री श्री सिंह ने कहा कि महिलाओं को सेना में महत्व दिया जा रहा है। अब वे बड़ी संख्या में न सिर्फ सेना में आ रही हैं, बल्कि नेतृत्व के लिए भी तैयार हुई हैं। प्रमुख नौसेना युद्धपोत की प्रमुख भी महिला है। नए भारत के निर्माण में बहनों की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बहनों की भागीदारी बढ़ाने का कार्य किया है।

मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कर रहे करिश्माई कार्य
रक्षा मंत्री ने कहा कि किसान-कल्याण सहित विभिन्न क्षेत्रों में मुख्यमंत्री चौहान ने करिश्माई कार्य किया है। उन्हें स्मरण है कि जब वे कई वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री चौहान के निमंत्रण पर किसान सम्मेलन में मध्यप्रदेश आए थे, तब किसानों को 4 प्रतिशत ब्याज पर ऋण मिलता था, जिसे उन्होंने शून्य प्रतिशत तक लाने का कार्य किया। मुख्यमंत्री चौहान ने किसानों के हित में एक नहीं अनेक कदम उठाए हैं। यह उनके संवेदनशील होने का प्रमाण है। प्रधानमंत्री मोदी की तरह मुख्यमंत्री चौहान भी जन-कल्याण के लिए करिश्माई नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं। राजगढ़ की इस सभा में मौजूद विशाल जन-समुदाय भी इस बात का प्रमाण है कि मुख्यमंत्री चौहान ने जनता की काफी सेवा की है। केन्द्रीय मंत्री सिंह ने कहा कि किसान अन्नदाता, जीवनदाता और भाग्य-विधाता हैं। किसानों को मजबूत बनाए बिना हमारा देश विकास नहीं कर सकता। मध्यप्रदेश की सरकार ने किसान भाईयों और बहनों के लिए अतुलनीय कार्य किया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में भी विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं।

केन्द्र सरकार ने गाँव, गरीब और किसानों की चिंता की है
रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटल इंडिया के निर्माण के लिए अद्भुत कार्य किया है। देश में 29 लाख करोड़ रूपए के भुगतान सिर्फ मोबाइल से हो रहे हैं। डिजिटल क्रांति का ही यह उदाहरण है कि आज सब्जी की दुकान पर भी ई-पेमेंट हो रहा है। गत 9 वर्ष में गाँव, गरीब और किसान की चिंता की गई है। किसानों के लिए कोई सरकार कार्य करती है, तो उन पर कोई एहसान नहीं करती। कृषि कल्याण को प्राथमिकता दी गई है। हमारी कथनी और करनी में अंतर नहीं होना चाहिए। केन्द्र और राज्य सरकार ने जो कहा वह किया है। पूर्व सरकार और वर्तमान सरकार के कार्यों में जमीन-आसमान का अंतर है। यही बात मध्यप्रदेश के लिए भी कही जा सकती है। प्रधानमंत्री द्वारा जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर तक जल पहुँचाने का संकल्प लिया गया है। मध्यप्रदेश ने इस क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करते हुए 60 लाख परिवारों तक टोटी से जल-प्रदाय करने का कार्य किया। देश में अनाज का उत्पादन बढ़ा है। भारत विश्व में जिन क्षेत्रों में छठवें से दसवें स्थान पर था, अब वह पहले और दूसरे स्थान पर आ रहा है। केन्द्र सरकार के बजट में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कृषि बजट भी बढ़ा है। शौचालयों के निर्माण का प्रश्न हो या सड़कों के निर्माण का, भारत निरंतर प्रगति कर रहा है।

मुख्यमंत्री चौहान ने “कैसी हो मेरी बहनों” के आत्मीय संबोधन से अपना उद्बोधन शुरू किया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रक्षा मंत्री का विशेष अंदाज में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत को रक्षा क्षेत्र में महाशक्ति बन कर उभारने में प्रधानमंत्री श्री मोदी और रक्षा मंत्री सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। एक समय था जब छोटे-छोटे राष्ट्र भारत को आँख दिखाते थे, अब प्रधानमंत्री और केंद्रीय रक्षा मंत्री के नेतृत्व में भारत शक्तिशाली बना है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व के केंद्र सरकार के सफल 9 वर्ष पूर्ण हुए हैं। आमजन भी आज उनका अभिनंदन कर रहे हैं।

ट्रेक्टर धारक परिवार को भी लाड़ली बहना योजना का लाभ मिलेगा
मुख्यमंत्री चौहान ने एक महत्वपूर्ण घोषणा में कहा कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में अब ऐसे परिवार भी लाभान्वित होंगे जहाँ ट्रैक्टर हैं। योजना के प्रावधानों में पूर्व में तय किया गया था कि चार पहिया वाहन जिस परिवार के पास है, उस परिवार की महिला सदस्य को मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में पात्रता नहीं होगी। अब ट्रेक्टर रखने वाले परिवार को भी मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का लाभ मिलेगा।

अब किसानों को 4 हजार के स्थान पर 6 हजार प्रतिवर्ष सम्मान राशि मिलेगी
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसान-कल्याण महाकुंभ में बड़ी संख्या में किसान बंधु आये हैं। आज किसानों के सिर से ब्याज की राशि की गठरी उतारने का कार्य केन्द्रीय मंत्री सिंह के हाथों हुआ है। पूर्व सरकार ने यह गठरी किसानों के सिर पर लादी थी। प्रदेश में किसानों से मूंग की खरीदी की पहल भी की गई है। सिंचाई का रकबा बढ़ने से किसान की हालत बदली है। कभी साढ़े सात लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता वाला मध्यप्रदेश अब 45 लाख हेक्टेयर तक सिंचाई क्षमता बढ़ा चुका है। इसे आगे 65 लाख तक ले जाने का लक्ष्य है। राजगढ़ जिले में भी पूर्व सरकार ने सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं की थी। यहाँ तक कि 10 वर्ष तक मुख्यमंत्री रहे जन-प्रतिनिधि भी यह व्यवस्था नहीं कर सके थे। विद्युत आपूर्ति नहीं होती थी। घंटों तक बिजली बंद रहती थी। अब मध्यप्रदेश विद्युत के निर्माण में आत्म-निर्भर बना है। पूर्व सरकार ने सिंचाई और सड़क व्यवस्थाएँ भी नहीं की थीं। किसानों के साथ छल किया गया। उन्हें राहत देने के लिए उनकी सूची तक तैयार नहीं की गई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सुखालिया परियोजना से प्रभावित किसानों का मुआवजा बढ़ाने का निर्णय भी लिया जाएगा। राजगढ़ और प्रदेश के किसी भी जिले के किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।
बहनों को लखपति बनायेंगे

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि परिवार में बहनों को मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के 1000 रूपए, वृद्धावस्था पेंशन के हितग्राहियों को भी प्रतिमाह बढ़ी हुई राशि के साथ किसान सम्मान निधि की बढ़ी हुई राशि मिलने से परिवार को मजबूत आर्थिक सहारा मिलेगा। मेरा बहनों को लखपति बनाने का संकल्प है। उन्हें गरीब नहीं रहने दिया जाएगा। स्व-सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं की आय में इतनी वृद्धि होगी कि वे प्रतिमाह 10 हजार या उससे अधिक आय अर्जित करने में सफल होंगी। मुख्यमंत्री चौहान ने बहनों को आश्वस्त किया कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना उनकी जिंदगी बदलने का कार्य करेगी। इस योजना की धनराशि सभी बहनों के खाते में जमा होने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई है जो आज या कल में पूर्ण हो जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने बेटियों को बोझ न बनने देने और वरदान बनाने के संकल्प से अवगत करवाते हुए मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना और उसके पूर्व प्रारंभ की गई लाड़ली लक्ष्मी योजना एवं मुख्यमंत्री कन्या-विवाह योजना के उद्देश्य और क्रियान्वयन की सफलता की जानकारी दी। समाज में महिलाओं का सम्मान बढ़ाने के लिए यह योजनाएँ कारगर बनी हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्थानीय निकायों में बहनों और बेटियों को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। इससे महिलाओं की नगरीय निकाय और पंचायतों में भागीदारी सुनिश्चित हुई। यदि बहनों को सही अर्थों में आगे बढ़ाना है तो उन्हें पंचायतों और नगरीय निकायों में स्थान मिलना आवश्यक है। आज बहनें सरकार चला रही हैं। मकान, दुकान और जमीन महिलाओं के नाम से खरीदे जाने पर रजिस्ट्री शुल्क में रियायत दी जा रही है। सिर्फ 1% राशि पर रजिस्ट्री की जा रही है। यह उपाय सफल हुआ है। आर्थिक रूप से कमजोर बहनों को प्रतिमाह 1000 रूप्ए की राशि मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना में देने की व्यवस्था की गई है। घर और परिवार की छोटी-छोटी जरूरतें पहले पूरी नहीं होती थीं। अब महिलाएँ अपनी इच्छा से यह राशि खर्च कर सकेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लाड़ली बहना योजना में धनराशि की व्यवस्था करते हुए 1000 रुपए से क्रमश: बढ़ाते हुए 3000 रूपये तक प्रत्येक बहन को प्रदान किए जाएंगे। महिलाओं की जिंदगी और तकदीर बदलना प्रमुख उद्देश्य है। बहनों और बेटियों के सपने पूरे होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बहनों की जिंदगी बदलना मेरी जिंदगी का उद्देश्य है। लाड़ली बहना सेनाएँ अन्य बहनों को योजनाओं को लाभ दिलवाएंगी। हर ग्राम में संगठन बनेगा। बहनें आगे बढ़ेंगी, किसान भी आगे बढ़ेंगे। कार्यक्रम में  गोरखपुरा ग्रामीण नल-जल योजना और जल-जीवन मिशन के अंतर्गत संपन्न कार्यों का भी केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री सिंह ने लोकार्पण किया। इस दौरान 156 ग्रामों से महिलाएँ कलश लेकर आई थीं। ग्रामीणों ने कालीपीठ और करनवास में उपस्थित होकर नई प्रारंभ परियोजनाओं के अवसर पर हर्ष भी व्यक्त किया।

कार्यक्रम में आवासीय भू-अधिकार-पत्रों के विक्रय के साथ ही विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण, भूमि-पूजन भी हुआ। योजनाओं के हितग्राहियों को हित-लाभ वितरित किये गये। मुख्यमंत्री चौहान ने रक्षा मंत्री सिंह का परम्परागत पगड़ी पहना कर स्वागत किया। किसान-कल्याण महाकुंभ का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।
जल-संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने भी संबोधित किया। केन्द्रीय सामाजिक न्याय मंत्री वीरेन्द्र खटीक, मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री और राजगढ़ जिले के प्रभारी मंत्री  मोहन यादव, कृषि मंत्री कमल पटेल, सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया, उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह, किसान मोर्चा के अध्यक्ष दर्शन चौधरी, विधायकगण और अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।