मध्यप्रदेश में आज से 9वीं, 10वीं कक्षा के लिए स्कूल खोल दिए जा चुके हैं। ऐसे में करीब 15 महीने बाद आज छात्र स्कूल गए है। लेकिन स्कूल में ज्यादा छात्रों की उपस्तिथि नहीं रही। बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के डर के चलते स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति पहले दिन बेहद कम रही है। ऐसे में मात्र 2 से 3 फीसदी बच्चे ही स्कूल पहुंचे है। हालांकि ये दोनों क्लास सप्ताह में 2 दिन ही लगाई जाएगी लेकिन उसके बावजूद भी बच्चे स्कूल आने से हिचकिचा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, आज पहले दिन कक्षा 10वीं के छात्र छात्राएं स्कूल में पढ़ाई करने पहुंचे। वहीं भोपाल स्थित शासकीय कमला नेहरू कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 300 छात्र छात्राओं में से मात्र 41 स्टूडेंट्स क्लास में पहुंचे। इसके अलावा राजधानी की ही सुभाष एक्सीलेंस स्कूल में 220 में से मात्र 12 छात्र-छात्राएं ही ऑफलाइन कक्षाओं में पहुंचे।
शासकीय कमला नेहरू कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्रिंसिपल पुष्पा राव ने बताया कि अभिभावकों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण का डर साफ दिखाई दे रहा है। दरअसल, कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बेहद कम रही है। अभी कई विद्यार्थियों को कोरोना की वैक्सीन भी नहीं लगी है। जिसके चलते स्कूल में ऑफलाइन पढ़ाई करने के लिए कम उपस्थिति में छात्र पहुंच रहे हैं।
प्रिंसिपल ने बताया है कि अभिभावकों को लगातार समझाईश दी जा रही है कि वह बच्चों को स्कूल भेजें। कक्षाओं में कोविड गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन कराया जा रहा है। छात्र छात्राओं को कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठाया जा रहा है। साथ ही छात्र छात्राओं के लिए सैनिटाइजर और मास्क भी अनिवार्य किया गया है।
ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन क्लासेस बेहतर
कक्षा 10वीं के छात्र छात्राओं का कहना है कि ऑनलाइन क्लासेस की जगह ऑफलाइन क्लासेस बेहतर है. ऑनलाइन क्लासेस में अगर कोई डाउट रहता है तो क्लियर करने में बड़ी परेशानी होती है. ऑफलाइन कक्षाओं में पढ़ाई के टॉपिक सही तऱीके से समझ में आते हैं.