मध्यप्रदेश :पूर्व केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री और भारत कृषक समाज के प्रांतीय अध्यक्ष अरूण यादव ने म.प्र. के चम्बल संभाग में बाढ़ से तबाही और निमाड़ अंचल में अल्पवर्षा के कारण बन रहे सूखे के हालात पर गहरी चिंता व्यक्त की है । इसको लेकर यादव ने निमाड़ अंचल को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मॉग राज्य सरकार से की है । यादव ने बताया कि चंबल संभाग में बाढ़ से हुई तबाही का आंकलन तत्काल कराकर सरकार किसानों और प्रभावितों को मुआवजा और राहत राषि प्रदान करें ।
उन्होंने बताया कि निमाड़ अंचल में अल्पवर्षा के कारण नर्मदा, कुन्दा, वेदा, इन्द्रावती, डेब आदि प्रमुख नदियॉ अभी भी रीती और सूखी है । बारिश नही होने के कारण यहॉ के तालाबों में भी अभी पानी नही भर पाया है । नर्मदा नदी में भी जलस्तर कम बना हुआ है । नर्मदा पर बने बांधों के गेट अपने दरवाजे खुलने का इंतजार कर रहे हैं निमाड़ अंचल में मौसम की मार और बेरूखी से हालात बहुत बुरे हैं सूखे के कारण फसलें मुरझाने लगी है। दूसरी ओर जमीनी गर्मी के कारण भी फसलें प्रभावित हो रही है।
किसान सूखती फसलों को लेकर चिंतित है। पिछले 2 वर्षों से कोरोना की मार झेल रहे किसानों ने मॅहगा बीज , खाद और कीटनाषकों का उपयोग बुआई के लिए किया है । भारी कर्ज लेकर अपने खेतों में बोई फसलों को सूखती देख किसान अवसाद में है अल्पवर्षा के कारण कॅुए, ट्यूबवेल, नलकूप और अन्य जलाषयों में पानी के अभाव में जलसंकट जैसी स्थिति भी निर्मित होने लगी है । दिनोंदिन बिगड़ते जा रहे हालात के बावजूद राज्य सरकार उदासीन होकर हाथ पर हाथ धरे बैठी है ।
यादव ने मांग की है कि राज्य सरकार आगे आकर निमाड़ अंचल के सूखा प्रभावित किसानों की बर्बाद होती फसलों को लेकर उन्हें तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान करें । पूर्व केन्द्रीय मंत्री यादव ने बताया कि खरगोन जिले में ही 2 लाख 15 हजार हेक्टेयर में कपास, 40 हजार हेक्टेयर में मिर्ची, 72 हजार हेक्टेयर में मक्का और 68 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की बुआई हुई है । इन फसलों की पैदावार वर्षा पर ही निर्भर रहती है ।
अल्पवर्षा के कारण यह सभी फसलें खराब होती जा रही है । बारिश नहीं हुई तो निमाड़ अंचल की ये सारी फसलें बर्बाद हो जायेंगी । कमोबेश यही स्थिति निमाड़ अंचल के बड़वानी, खण्डवा और बुरहानपुर जिलों की बनी हुई है। इन जिलों में अभी औसत से आधी बारिश भी नहीं हुई है । इसलिए निमाड़ अंचल के इन सभी जिलों को सूखा प्रभावित जिले घोषित किये जायें ।